न्यूयॉर्क, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक शोध में यह बात सामने आई है कि एक प्रयोग से बच्चों के स्क्रीन टाइम (screen time) को कम करते हुए छात्रों के क्लासरूम परफॉर्मेंस को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके साथ ही बच्चों की इस लत से माता-पिता को भी राहत मिल सकती है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक लॉन्ग- टर्म प्रयोग किया। इस प्रयोग में यह बात सामने आई है कि छात्रों को केवल एक मिनट के लिए अपने फोन का उपयोग करने की अनुमति देने से कक्षा के दौरान फोन का उपयोग कम हो सकता है और परीक्षा में उनका टेस्ट स्कोर बेहतर हो सकता है।
साउथर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और अध्ययन के पहले लेखक प्रोफेसर रयान रेडनर ने कहा, “हम दिखाते हैं कि टेक्नोलॉजी ब्रेक से कॉलेज या कक्षा में सेल फोन के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है। यह कॉलेज की कक्षा में टेक्नोलॉजी ब्रेक का पहला मूल्यांकन है।”
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन कक्षा सत्रों में टेक्नोलॉजी ब्रेक दिया गया, वहां के छात्रों का टेस्ट में प्रदर्शन बेहतर (80 प्रतिशत से अधिक) रहा।
रेडनर ने कहा कि इसमें हमने देखा कि छात्रों का पढ़ने के दौरान कम ध्यान भटका, जिससे वह बेहतर प्रदर्शन कर पाए।
फोन के इस्तेमाल से बच्चों का ध्यान भटक सकता है। छात्र गैर-शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए अपने फोन का दिन में 10 बार तक इस्तेमाल करते हैं। कक्षाओं में फोन की अनुमति नहीं है।
हालांकि पूरे सत्र के दौरान शोधकर्ताओं ने एक, दो या चार मिनट के टेक्नोलॉजी ब्रेक के प्रभाव का बारीकी से मूल्यांकन किया।
इन ब्रेक के दौरान छात्रों को अपने फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी, लेकिन उन्हें प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ब्रेक कक्षा के पढ़ाई के 15 मिनट के बाद दिए गए।
शोध के परिणामों में यह बात सामने आई कि सिर्फ एक मिनट तक चलने वाले टेक्नोलॉजी ब्रेक के दौरान, फोन का उपयोग सबसे कम था। सिर्फ एक मिनट के लिए फोन से दूर रखने से छात्रों का फोन का उपयोग सबसे कम होता है, और यह तरीका फोन की लत को कम करने में सबसे ज्यादा कारगर है। इससे बच्चों के फोन के इस्तेमाल में कमी आई है।