हाल ही में राजस्थान (Rajasthan) के खाद्य सुरक्षा विभाग ने राज्य भर से खाने-पीने की चीजों के सैंपल कलेक्ट किए और उनका लैब टेस्ट किया। चौंकाने वाली बात यह है कि अकेले जयपुर में 30% से ज्यादा खाने-पीने की चीजें टेस्ट में अलग-अलग मानकों पर फेल पाई गईं। पूरे राज्य में यह आंकड़ा 27% है।
30% खाद्य पदार्थों का सुरक्षा मानकों पर फेल होना बेहद चिंताजनक है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 17% से ज्यादा नहीं है। वहीं, देशभर में फेल होने वाले फूड सैंपल्स का औसत 22% है। मिलावट (food adulteration) के मामलों में राजस्थान का देश में पहला स्थान है, और प्रदेश के अंदर जयपुर सबसे आगे है।
1 जनवरी से 30 अगस्त तक राजस्थान से 16,691 फूड सैंपल लिए गए, जिनमें से 27% में गंभीर मिलावट पाई गई। जांच में पता चला कि लाल मिर्च पाउडर में डंठल मिले हुए थे, चटनी में केमिकल रंग मिलाए गए थे, गेहूं के चोकर को रंगकर धनिया पाउडर में मिलाया गया था। यहां तक कि कचौरी-समोसे तलने के लिए बार-बार एक ही तेल का उपयोग किया गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने दोषियों पर जुर्माना लगाया, लेकिन ये खाद्य पदार्थ हमारी सेहत के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
यह कोई पहला मामला नहीं है। हर साल त्योहारों के समय मिलावटी खाद्य पदार्थों की खबरें सामने आती हैं, और इसमें कई नामी ब्रांड भी शामिल होते हैं।
इस संदर्भ में आज हम जानेंगे कि कैसे हम खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान कर सकते हैं, साथ ही यह भी समझेंगे कि: