देश के लिए सही नीति बनाने काे जातिगत जनगणना जरूरी : टीएस सिंह देव
By : madhukar dubey, Last Updated : January 14, 2025 | 8:51 pm
कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने कहा, देश में जातिगत जनगणना क्यों नहीं होनी चाहिए? अंग्रेजों के शासन में 1931 में आखिरी बार जातिगत जनगणना हुई थी। उसके बाद 2011-12 में जनगणना के साथ आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण भी किया गया, जिसके पीछे एक सोच थी कि आज़ादी के इतने सालों बाद देश के नागरिकों की स्थिति क्या है? ये किसी को मालूम नहीं है। सरकार को नीति बनानी है। देश के धन का उपयोग कैसे और किसके लिए करना है? अगर इसकी जानकारी नहीं होगी, तो अंधेरे कमरे में टटोलने वाली बात होगी। जानकारी होने पर कहां कमी रह गई और समाज का कौन सा हिस्सा पीछे रह गया है। उस पर ध्यान देना है।
दूसरी बात यह कि जो नीतियां सरकार अपना रही है, वहां लाभ हो रहा है कि नहीं? देश के पास 45-50 लाख करोड़ का सीमित सबजट है। इस बजट के पैसे को कैसे खर्च करना है, ये सर्वेक्षण करने से पता चलेग। कौन किस आर्थिक स्थिति में है और कौन कहां आगे बढ़ गया है, कौन पीछे रह गया, इसकी जानकारी होनी चाहिए।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा केंद्र की आयुष्मान कार्ड योजना लागू नहीं करने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले 40-50 सालों से यह सोच चली आ रही है कि सभी नागरिकों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था की जाए। आखिर यह व्यवस्था जनता के टैक्स से ही तो करना है।
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