कांग्रेस बुरे दिनों की ओर : विष्णु दत्त शर्मा

By : hashtagu, Last Updated : March 31, 2024 | 10:21 pm

ग्वालियर, 31 मार्च (आईएएनएस)। आयकर विभाग (Income Tax department) द्वारा वसूली का नोटिस दिए जाने पर कांग्रेस नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी पर तंज सकते हुए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अब बुरे दिनों की ओर बढ़ रही है।

शर्मा ने ग्वालियर क्षेत्र के दौरे के दौरान संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां देश की 140 करोड़ जनता को ये भरोसा दिलाते हैं कि उनके खून और पसीने की पाई-पाई देश को समर्पित है, वहीं भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी व इंडी गठबंधन का नया करप्शन जनता के सामने आ रहा है। कांग्रेस ने केवल टैक्स की ही चोरी नहीं की, बल्कि 2004 से 2014 तक देश में बहुत से घोटालों को भी अंजाम दिया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की सरकार में कानून सबके लिए बराबर है। कानूनी कार्रवाई के बीच अगर कोई आएगा, तो उसे कानून के लंबे हाथों का सामना और देश के कानून का पालन करना पडे़गा।

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस कार्यालय से लेकर मध्यप्रदेश के करप्शन नाथ के नाम से चर्चित कमलनाथ आवास तक सब भ्रष्टाचार में शामिल हैं। कांग्रेस कर की चोरी करके शोर मचा रही है। आयकर विभाग की जांच में कमलनाथ की भूमिका सवालों के घेरे में है और कर चोरी में उनका हाथ सामने आ रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस लगातार बुरे दिनों की ओर बढ़ रही है। कांग्रेस ने पहले कहा था कि 200 करोड़ का नोटिस मिला है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बता रहे हैं कि आयकर विभाग से इन्हें 1800 करोड़ का नोटिस मिला है, कांग्रेस बताएं कि यह पोल आखिर है कितनी गहरी। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार की काली कमाई करने के साथ कई वरिष्ठ नौकरशाहों, मंत्रियों व व्यापारियों से बड़े पैमाने पर रिश्‍वत की वसूली की है। कांग्रेस केवल मेवा खाने के लिए राज करती है, भाजपा देश सेवा के लिए कार्य करती है।

शर्मा ने कहा कि देश की हर राजनीतिक पार्टी की आय उसे मिला हुआ चंदा ही होता है, लेकिन इस आय पर छूट पाने के लिए हर दल को आयकर अधिनियम 13 (ए) की शर्तों को पूरा करना होता है। कांग्रेस ने नियमों का उल्लंघन किया, जब नोटिस आए तो उनको अनदेखा किया। आयकर विभाग ने अधिनियम 226 (3) के तहत रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद कांग्रेस ने पहले आयकर ट्रिब्यूनल और फिर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन दोनों ही जगह उनकी याचिका खारिज कर दी गई।