रायपुर/भोपाल: मानसून (monsoon) के बाद के मौसम में अस्थिर मौसम के बीच, चक्रवात ‘मोन्था’ के असर के चलते मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश और तूफानी हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के भोपाल और रायपुर केंद्रों ने नागरिकों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बढ़ते चक्रवात ‘मोन्था’ के साथ-साथ पूर्वी एमपी में डिप्रेशन और झारखंड से ट्रफ ने मंगलवार को सात जिलों में मूसलाधार बारिश कराई। श्योपुर और मोरेना सहित ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जबकि भोपाल और इंदौर जैसे शहरी केंद्रों में बारिश नहीं हुई।
पिछले 24 घंटों में उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और रीवा संभागों में बारिश हुई, कई जगह इंदौर और सागर में, और भोपाल व शाहडोल में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई।
एमपी में चेतावनी:
मंडसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मोरेना, श्योपुर, सिवनी, मंडला और बालाघाट में isolated स्थानों पर भारी बारिश, बिजली और तूफानी हवाओं का खतरा है। वहीं विदिशा, राजगढ़, रतलाम, अगर, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा और पंधरुना में isolated तूफानी बारिश की संभावना है।
बीते दिनों बारिश और गरज के साथ हल्की बौछार भोपाल, विदिशा, राइसेन, सेहोर, राजगढ़, नरसिंहपुर, बेतुल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर, अगर, गुना, अशोकनगर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मौगंज, सतना, शाहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, माइहर में हुई।
छत्तीसगढ़ में चेतावनी:
बस्तर संभाग में रेड अलर्ट जारी किया गया है। रायपुर केंद्र ने मोन्था के प्रभाव से 40–60 किमी/घंटा की तेज हवाओं और अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना जताई। 31 अक्टूबर तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश रहने का अनुमान है।
विशेष रूप से नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में 24 घंटों में 115 मिमी तक बारिश का खतरा है, जिससे Flash Floods की संभावना बनी हुई है। रायपुर और बिलासपुर जैसे उत्तरी जिले 25–64 मिमी तक की बारिश और बिजली गिरने की आशंका में हैं।
IMD ने नागरिकों से जलजमाव वाले क्षेत्रों में न जाने, पालतू जानवरों की सुरक्षा करने और किसानों से बुवाई से बचने की सलाह दी है। मोन्था ओड़िशा के पास लैंडफॉल के बाद कमजोर हो सकता है, लेकिन मौसम में नमी बने रहने के कारण तूफानी हालात जारी रह सकते हैं।