ग्वालियर की हालत पर मंत्री का फूटा गुस्सा, मांगा 100 करोड़ का पैकेज

By : dineshakula, Last Updated : September 10, 2025 | 9:24 pm

भोपाल: ग्वालियर (Gwalior) की बदहाल सड़कों, उफनते सीवर और फैली गंदगी से अब सिर्फ जनता ही नहीं, सरकार के मंत्री भी परेशान हैं। मंगलवार को भोपाल में हुई कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ अनौपचारिक चर्चा के दौरान ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर की हालत नरक जैसी हो गई है और कोई सुनवाई नहीं हो रही है। न नगर निगम का कमिश्नर सुन रहा और न ही कलेक्टर। स्थिति इतनी खराब है कि अब मुख्यमंत्री कार्यालय के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।

मंत्री तोमर की बात सुनकर वहां सन्नाटा छा गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें बातचीत रोकने की सलाह दी, लेकिन तोमर लगातार शहर की खराब स्थिति और अपनी बेबसी पर बोलते रहे। जब मुख्यमंत्री ने ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से इस पर पूछा, तो उन्होंने भी तोमर की बातों का समर्थन किया।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि शहर की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं और सफाई की मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। सीवर चेंबर खुले हैं और पानी सड़कों पर बह रहा है। उन्होंने कहा कि अफसर कुछ नहीं कर रहे और अगर हम बोलें तो पार्टी फोरम में मामला बन जाता है।

इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री से ग्वालियर के लिए 100 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज भी मांगा। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंत्री द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को गंभीरता से देखा जाए।

कैबिनेट के बाद इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक भी हुई है और जल्द ही एक टीम ग्वालियर जाकर हालात का जायजा लेगी। ऊर्जा मंत्री खुद भी हाल ही में अपने क्षेत्र की सड़कों पर निकले थे, जहां लोगों ने उन्हें घरों में भरा पानी और टूटे रास्ते दिखाए थे।