दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंडवाटर रिचार्ज परियोजना के लिए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच ऐतिहासिक करार
By : hashtagu, Last Updated : May 11, 2025 | 11:25 am

भोपाल, 11 मई। देश में जल संकट से निपटने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकारों ने शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी ग्राउंडवॉटर रिचार्ज परियोजना के लिए आपसी समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के तहत दोनों राज्यों के साढ़े तीन लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।
यह समझौता भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर ‘तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना’ को लेकर दोनों राज्यों के बीच सहमति बनी।
“भूजल पुनर्भरण में रचेगा नया इतिहास” — डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्राउंडवॉटर रीचार्ज योजना है, जो भूजल पुनर्भरण के क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगी। विशेष रूप से मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में इसका व्यापक प्रभाव होगा। यह जीवनदायिनी सिद्ध होगी।”
योजना के तहत मध्य प्रदेश के 1.23 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र के 2.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा विकसित की जाएगी।
डॉ. यादव ने आगे बताया कि दशकों से लंबित इस मेगा परियोजना को आखिरकार मूर्त रूप मिल रहा है। इससे पहले केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल जैसी अटकी परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं।
“ताप्ती घाटी बनेगी जल पुनर्भरण का वैश्विक उदाहरण” — देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने परियोजना को दुनिया की सबसे बड़ी वॉटर रिचार्ज योजना बताते हुए कहा,
“ताप्ती नदी की घाटी में स्थित ‘बजाड़ा जोन’ में जल पुनर्भरण की अद्भुत क्षमता है। यह परियोजना न केवल दोनों राज्यों को लाभ पहुंचाएगी, बल्कि जल प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक मिसाल भी बनेगी।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब वर्षों से अटकी अंतरराज्यीय नदी परियोजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं।
“25 साल बाद मध्य प्रदेश–महाराष्ट्र अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की बैठक होना इस दिशा में महत्वपूर्ण संकेत है,” उन्होंने जोड़ा।
अगली बैठक अक्टूबर में
दोनों मुख्यमंत्रियों ने यह भी जानकारी दी कि एमओयू के पश्चात भारत सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि तापी बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को राष्ट्रीय अंतरराज्यीय सिंचाई परियोजना के रूप में स्वीकृति दी जाए। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि अक्टूबर 2025 में परियोजना की प्रगति की समीक्षा हेतु अगली अंतरराज्यीय बैठक महाराष्ट्र में आयोजित की जाएगी।