भारत करने वाला था पाक के परमाणु ठिकानों पर हमला, डर के साए में झुका इस्लामाबाद – सीजफायर की इनसाइड स्टोरी
By : dineshakula, Last Updated : May 11, 2025 | 11:29 am

नई दिल्ली, 11 मई। भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच चार दिनों तक चले जबरदस्त सैन्य संघर्ष के बाद आखिरकार 10 मई को युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा कर दी गई। हालांकि सवाल यह है कि लगातार युद्ध की धमकी देने वाला पाकिस्तान आखिर चौथे दिन अचानक क्यों पीछे हट गया? विश्वसनीय सरकारी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को जब यह संकेत मिला कि भारत अब उसके रणनीतिक और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने की तैयारी में है, तब वह घबराकर झुक गया और संयुक्त राष्ट्र की शरण में पहुंच गया।
भारत के ‘अगले कदम’ से कांपा पाकिस्तान
10 मई की सुबह भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस-ए क्रूज मिसाइलों से पाकिस्तान वायुसेना के अहम ठिकानों—रावलपिंडी के पास चकलाला एयरबेस और सरगोधा एयरबेस—पर निशाना साधा। ये दोनों बेस पाकिस्तान की सैन्य लॉजिस्टिक्स और परमाणु योजना के लिहाज से बेहद अहम माने जाते हैं। इसके अलावा जैकोबाबाद, भोलारी और स्कार्दू में भी हमले किए गए, जिनकी पुष्टि बाद में खुफिया एजेंसियों ने की।
हमलों के बाद भारतीय एजेंसियों ने पाकिस्तानी सैन्य नेटवर्क पर हाई अलर्ट मैसेज पकड़े, जिसमें आशंका जताई गई कि भारत अगला हमला पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड और कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर पर कर सकता है।
अमेरिका को करनी पड़ी दखल
जैसे ही इस बात के संकेत पाकिस्तान को मिले, उसने तुरंत अमेरिका से संपर्क साधा। पहले से सतर्क अमेरिकी अधिकारियों ने वॉशिंगटन से इस्लामाबाद तक त्वरित कूटनीतिक दबाव बनाते हुए पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया—”अब और देरी नहीं, सीधे हॉटलाइन का इस्तेमाल करें और युद्धविराम पर सहमति बनाएं।”
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया कि यदि वह संवाद से पीछे हटा, तो परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं। यह चेतावनी काम कर गई।
हॉटलाइन पर सीधी बातचीत
10 मई को दोपहर 3:35 बजे, पाकिस्तान के डीजीएमओ मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को हॉटलाइन पर कॉल किया। इसके बाद, दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच सीजफायर पर सहमति बनी। इस बातचीत की पुष्टि बाद में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस ब्रीफिंग में की।
नई दिल्ली का स्पष्ट संदेश – ‘मध्यस्थता नहीं, अब सजा होगी बड़ी’
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार की औपचारिक बातचीत या मध्यस्थता में शामिल नहीं होगी। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद भारत ने साफ संदेश दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो अगला कदम और बड़ा होगा, जिसमें पाकिस्तान के ऊर्जा, आर्थिक और रणनीतिक ढांचे पर हमले शामिल हो सकते हैं।
वॉटर स्ट्राइक जारी, अगला हमला युद्ध मानेगा भारत
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि (IWT) को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय युद्धविराम के बावजूद लागू रहेगा। यानी पाकिस्तान पर भारत की वॉटर स्ट्राइक जारी रहेगी।
इसके साथ ही भारत ने दो टूक कहा है कि यदि भविष्य में एक भी आतंकी हमला हुआ, तो उसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा और उसकी सजा इस बार से कहीं ज़्यादा घातक होगी।
12 मई को फिर आमने-सामने होंगे दोनों देशों के सैन्य प्रमुख
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ 12 मई को दोपहर 12 बजे एक बार फिर बैठक करेंगे, जिसमें आगे के सैन्य और कूटनीतिक दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।