3 श्रम कानूनों में होगा बदलाव, मोहन कैबिनेट ने दी मंजूरी; श्रमिकों को क्या होगा फायदा? जानिए

By : hashtagu, Last Updated : June 4, 2025 | 1:30 pm

पचमढ़ी: मोहन कैबिनेट (Mohan Cabinet) की बैठक में पचमढ़ी में कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनमें से एक बड़ा फैसला श्रम कानूनों में संशोधन को लेकर लिया गया है। मंत्रि परिषद ने तकनीकी आधारित कृषि विकास और कृषि उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में “एग्रीटेक हब” और “इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर” परियोजना की स्थापना की मंजूरी दी है। यह परियोजना राज्य शासन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) के सहयोग से चलायी जाएगी।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण निर्णय श्रम कानूनों में सुधार को लेकर था, जिसे श्रमिकों के लिए लाभकारी माना जा रहा है।

कौन से हैं वे तीन श्रम कानून?

मोहन कैबिनेट ने जिन तीन श्रम कानूनों में संशोधन की अनुमति दी है, वे हैं:

  1. ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970: इस कानून में बदलाव करते हुए, वर्तमान में तय 20 ठेका श्रमिकों की सीमा को बढ़ाकर 50 ठेका श्रमिक कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब छोटे और मध्यम स्तर के संस्थान और उद्योग 50 ठेका श्रमिकों को नियुक्त कर सकते हैं, जिससे इन उद्योगों को श्रमिकों की संख्या बढ़ाने में सहूलियत होगी।

  2. औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947: इसमें श्रमिकों के बीच विवादों के समाधान की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जाएगा, ताकि लंबित मामलों का जल्दी निपटारा हो सके।

  3. उद्योगों के लिए श्रमिक कानूनों का सरलीकरण: छोटे और मंझले उद्योगों पर अनुपालन का बोझ कम किया जाएगा, जिससे उनका संचालन आसान होगा और वे बिना किसी बड़ी रुकावट के अपनी गतिविधियों को बढ़ा सकेंगे।

श्रमिकों को क्या होगा फायदा?

इन संशोधनों से श्रमिकों को कई फायदे होंगे, जैसे:

  • बेहतर रोजगार के अवसर: ठेका श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर, छोटे और मध्यम उद्योगों में ज्यादा श्रमिकों को काम मिल सकेगा, जिससे बेरोजगारी की समस्या को कुछ हद तक दूर किया जा सकेगा।

  • सुविधाएं और सुरक्षा: नए संशोधनों के बाद श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा और अधिकारों की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी।

  • सरल विवाद समाधान: औद्योगिक विवादों का समाधान शीघ्र और सरल तरीके से किया जाएगा, जिससे श्रमिकों को जल्द न्याय मिल सकेगा।

सरकार की ओर से श्रमिकों के हित में बड़े कदम

मंत्रिमंडल के इस निर्णय से यह साफ है कि मध्यप्रदेश सरकार श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण और छोटे व मंझले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, श्रम कानूनों में बदलाव से उद्योगों की कार्यक्षमता और श्रमिकों के रोजगार की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।