मप्र में जयस बिगाड़ेगा सियासी गणित
By : dineshakula, Last Updated : May 18, 2023 | 5:00 am
राज्य के पिछले दो विधानसभा चुनावों पर गौर करें तो एक बात साफ हो जाती है कि वर्ष 2013 में जहां भाजपा ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 47 सीटों में भाजपा को जीत मिली थी तो वहीं कांग्रेस 17 स्थानों पर जीत हासिल कर पाई थी और भाजपा सत्ता में आई थी। इसी प्रकार वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 43 सीटों में से कांग्रेस 31 सीटों पर जीती और भाजपा 16 सीटों पर सिमट गई इस तरह कांग्रेस को सत्ता मिली।
राज्य में इसी साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल आदिवासियों को लुभाने में लगे हुए हैं। इसी बीच जयस के प्रमुख डॉ. हीरालाल अलावा ने राज्य की 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान करने से सियासी समीकरणों पर असर पड़ता नजर आने लगा है।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो राज्य के मालवा और निमाड़ इलाके में जयस का सबसे ज्यादा प्रभाव है, वही आदिवासी वोट बैंक महाकौशल और विंध्य इलाके में भी हैं। आदिवासियों का रुझान जिस भी दल की तरफ हुआ उसके चलते संबंधित दल के लिए सत्ता का रास्ता आसान रहेगा। वही जयस चुनाव लड़ता है तो भाजपा और कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी।