मध्य प्रदेश में देश की डेयरी कैपिटल बनने की क्षमता : मुख्यमंत्री मोहन यादव
By : hashtagu, Last Updated : January 5, 2025 | 7:14 pm
उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के स्वर्ण जयंती सभागृह में रविवार को पशुपालन विभाग एवं विक्रम विश्वविद्यालय की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी की अकादमिक डिग्री कोर्स की शुरुआत की जा रही है। पशुपालन का डिग्री कोर्स अब जबलपुर के साथ उज्जैन में भी छात्रों को मिलेगा। भविष्य में अन्य विश्वविद्यालयों में भी यह कोर्स ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020’ के अनुसार प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रशिक्षित कौशल प्राप्त युवा डेयरी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अपने मजबूत इरादों और मेहनत से दूध उत्पादन में मध्य प्रदेश को सर्वोच्च स्थान पर ले जाएंगे। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और दुग्ध उत्पादन में 9 प्रतिशत की भागीदारी के साथ मध्य प्रदेश का देश में तीसरा स्थान है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन का औसत 673 ग्राम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 471 ग्राम का है। हमें इन उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, अथाह जल संपदा और उर्वरा भूमि को देखते हुए सही दिशा में समेकित प्रयास करने पर हम डेयरी के क्षेत्र में देश का नंबर-1 राज्य बनाएंगे। मध्य प्रदेश को देश का डेयरी कैपिटल बनाने के लिए दूध की प्रति लीटर क्रय के आधार पर सरकार पशुपालकों को बोनस भी प्रदान करेगी। इसी के साथ पशुधन के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार संपूर्ण रूप से प्रयासरत है। इसके लिए सिंचाई का नया रकबा बढ़ाया जाएगा। मालवा का क्षेत्र कृषि में भी समृद्ध है और अब पशुपालन में भी समृद्ध बनेगा।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण संभागायुक्त एवं उज्जैन दुग्ध संघ प्रशासक संजय गुप्ता ने दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना और केन-बेतवा नदी लिंक परियोजनाओं से कृषि एवं पशुपालन को फायदा पहुंचाने पर आभार व्यक्त किया।