भोपाल, 14 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के विदिशा में हिंदू संगठनों ने बीजामंडल (bijamandal) में पूजा करने की अनुमति मांगी है।इस मामले में एआईएमआई प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बयान जारी किया है, जिस पर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज ने पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि बीजामंडल में मस्जिद नहीं थी, इसे बनाया और थोपा गया है। पूरे भारत में मस्जिद कहीं भी नहीं थी। शासन-प्रशासन छानबीन करेगा तो उसे हर जगह पर मंदिर ही मिलेगा। अगर कागज और साक्ष्य देखा जाए तो कहीं पर भी मस्जिद नजर नहीं आएगा।
इससे पहले एआईएमआई प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि ” मध्य प्रदेश में संघ के संगठनों ने मस्जिद में पूजा करने की अनुमति मांगी है। कलेक्टर ने बताया कि एएसआई के गजट के मुताबिक वह मस्जिद है और अनुमति देने से इनकार कर दिया। कलेक्टर का तबादला कानून का पालन करने के चलते किया गया। वक्फ संशोधन बिल का यही खतरा है। सरकार कलेक्टर को ज्यादा शक्तियां देना चाहती है ऐसे में अगर कोई कहेगा यह मस्जिद मस्जिद नहीं है, भीड़ के दबाव के चलते कलेक्टर को मानना पड़ेगा नहीं तो उसका ट्रांसफर कर दिया जाएगा।”
असदुद्दीन ओवैसी के इस ट्वीट के बाद मध्य प्रदेश के विदिशा में हिंदू संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया। असदुद्दीन ओवैसी के विरोध में उनका पुतला फूंका गया। हिंदू संगठन ने कहा कि अगर असदुद्दीन ओवैसी को कोई शक है तो हैदराबाद से विदिशा आकर देख लें।
बता दें कि मध्य प्रदेश के विदिशा में हिंदू संगठनों ने बीजामंडल में पूजा करने की अनुमति मांगी है। कलेक्टर ने जवाब में बताया कि एएसआई के गजट के मुताबिक वह मस्जिद है और अनुमति देने से इनकार कर दिया। वहां पर 9 अगस्त को नाग पंचमी पर पूजा अर्चना की गई थी। इसके अगले दिन 10 अगस्त की रात को ही विदिशा कलेक्टर बुद्देश कुमार वैद्य का तबादला कर उन्हें गृह विभाग में उप सचिव बना दिया गया।
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने 47 आईएएस और आईपीएस के तबादले किए थे। इस सूची में विदिशा कलेक्टर बुद्देश कुमार वैद्य का भी नाम शामिल था। इसी को लेकर अब जमकर सियासत हो रही है।