मध्यप्रदेश में 20 नवंबर से राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’

By : hashtagu, Last Updated : November 16, 2022 | 3:21 pm

राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए 20 नवंबर को मध्यप्रदेश में बुरहानपुर के रास्ते प्रवेश करेंगे. 3 नवंबर तक को खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन, आगरा-मालवा जैसे जिलों से होते हुए राजस्थान निकल जाएंगे, लेकिन उनके आने से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के बीच तोड़ो-जोड़ो की बयानबाज़ी तेज हो गई है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी की नजर कांग्रेस के उन विधायकों पर है, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी.

पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद तैयारी में जुटे हैं. निमाड़ के कुछ जिलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव की जगह कमान निर्दलीय विधायक शेरा को सौंपी गई है. इस बीच चर्चा है कि बीजेपी ऑपरेशन लोटस-2 की तैयारी में है, मालवा-निमाड़ से 6, महाकौशल और बुंदेलखंड से दो-दो और ग्वालियर-चंबल अंचल से एक विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. वहीं कांग्रेस कह रही है उसके संपर्क में भी बीजेपी के कई विधायक हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के बहुत सारे विधायक हमारे संपर्क में हैं, जो सोचते हैं कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगी. लेकिन हम अपने संगठन को प्राथमिकता देंगे.

वहीं मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि कमलनाथ जब-जब बोलते हैं, कांग्रेस टूट जाती है. पहली बार किया तो सरकार चली गई. उपचुनाव में बोला तो पार्टी बैठ गई, वहीं राष्ट्रपति चुनाव के पहले बोला तो कांग्रेस के 17 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दी. कैबिनेट मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि अभी भी अनेक नेता कांग्रेस छोड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं, इस भय से कांग्रेस अपने विधायकों को बंधक बनाने की कोशिश कर रही है. कोई स्वेच्छा से भाजपा में आना चाहता है, तो पार्टी उस पर विचार करेगी.

कांग्रेस ने 114 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी, लेकिन अब वो 95 के साथ खड़ी है. सूत्रों के मुताबिक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के पहले दिन सबको बुरहानपुर के गांव में मौजूद रहने की हिदायत मिली है, यानी उसी दिन एक और परीक्षा हो जाएगी.

मध्यप्रदेश आकर राहुल गांधी यात्रा को थोड़ा विराम देंगे. गुजरात में प्रचार के लिए जाएंगे. फिर यहां 23 नवंबर से यात्रा शुरू होकर 5 दिसंबर तक चलेगी. लेकिन बीजेपी के बयानों में अगर जरा भी दम है तो शायद कांग्रेस को अपने विधायकों को और मजबूती से जोड़ने की जरूरत होगी.