भगवा ध्वज लेकर ‘अयोध्या’ की तरफ बढ़तीं शबनम शेख! बनीं ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ की मिसाल

अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह (life consecration ceremony) होने वाला है और हर कोई इस नजारे

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  • Updated On - December 29, 2023 / 06:36 PM IST

भोपाल 29 दिसंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह (life consecration ceremony) होने वाला है और हर कोई इस नजारे को देखने को न केवल लालायित है बल्कि हर किसी की आकांक्षा है रामलाल के दर्शन करने की। मामला आस्था का है, और अब तो यह धर्म से भी ऊपर निकल गया है।

यही कारण है कि मुंबई की शबनम शेख रामलला (Shabnam Sheikh Ramlala) के दर्शन का संकल्प लेकर निकली है और पैदल अयोध्या (Ayodhya on foot) की तरफ बढ़ रही है। 20 साल का शबनम शेख बीकॉम प्रथम वर्ष की छात्रा हैं मगर राम के प्रति उनमें अगाध आस्था है। वे अपने आपको सनातनी मुस्लिम कहती हैं। उन्हें देश और दुनिया से लोगों के अयोध्या जाने की जानकारी हुई और उन्होंने भी पैदल अयोध्या तक जाने का मन बना लिया।

  • शबनम रास्ता तय करते हुए मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से गुजर रही हैं। वह अब तक 350 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं। उनका मानना है कि राम की पूजा के लिए किसी को हिंदू होने की जरूरत नहीं है इसके लिए तो इंसान होना ही काफी है। शबनम प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर पैदल चल रही हैं और इस रफ्तार से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक उनका अयोध्या पहुंच पाना असंभव है।

शबनम के हाथ में भगवा ध्वज है जिस पर हनुमान जी की तस्वीर बनी हुई है। साथ में एक पिट्ठू बैग है जिस पर अयोध्या के मंदिर का जिक्र है। उनका कहना है कि युवाओं के साइकिल से और पैदल अयोध्या जाने की बातें उन्होंने सुनी और उनके मन में विचार आया क्यों न पैदल अयोध्या की यात्रा करें। मन में यह भी विचार था कि भारत की नारी हूं सब पर भारी हूं। इसमें उनके दो साथियों रामरज व विनीत पांडे ने साइकिल से अयोध्या चलने का सुझाव दिया, जिस पर शबनम ने कहा कि हाईवे पर साइकिल चलाना ठीक नहीं रहेगा। लिहाजा उन्होंने पैदल ही अयोध्या जाने का मन बनाया और उनके साथी इसके लिए तैयार हो गए।

शबनम बताती हैं कि जब उन्होंने अपनी अयोध्या जाने की योजना के संदर्भ में पिता को बताया तो उन्होंने हामी भर दी। मां जरूर कुछ उदास हुई। उसके बाद तैयारी की और चल पड़े अयोध्या की तरफ। मुंबई से अयोध्या की दूरी लगभग 1,400 किलोमीटर है और वह प्रतिदिन 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर रही है, अब तक 350 किलोमीटर का रास्ता ही तय कर पाई है। इस लिहाज से उनका 22 जनवरी तक अयोध्या पहुंचना मुश्किल है मगर वह कहती हैं कि वे तो रामलाल के दर्शन करने निकली है।