भोपाल, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में नवनियुक्त होने वाले शिक्षकों (Teachers) के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि अब नियुक्ति के बाद शिक्षकों को पहले साल वेतन का 70 फीसदी और अगले साल सौ फीसदी वेतन मिलेगा। मुख्यमंत्री निवास (Chief Minister Residence) में नव-नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए घोषणा की कि पूर्व सरकार ने शिक्षकों को पूर्ण वेतन देने के लिए कई साल प्रतीक्षा करने का आदेश निकाला था, जो गलत था। इसे बदल कर नए सिरे से लागू किया जाएगा। अब शिक्षकों को दूसरे वर्ष में ही वेतन की 100 प्रतिशत राशि प्राप्त होने लगेगी। प्रथम वर्ष 70 प्रतिशत राशि के बाद 100 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना होता था। अब यह प्रक्रिया एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगी।
राज्य में शिक्षकों के लिए पूर्व में की गई व्यवस्था का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, पूरे वेतन के लिए शिक्षकों को चार वर्ष की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम के लिए भेजे गए अपने वीडियो संदेश में कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय मूल्यों के संवर्धन पर जोर देती है। मध्यप्रदेश में व्यापक तौर पर शिक्षकों की भर्ती की गई है। इस साल 22 हजार शिक्षक नियुक्त किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह महत्वपूर्ण बात है कि इन शिक्षकों में से लगभग आधे शिक्षक जनजातीय बहुल इलाकों के विद्यालयों में नियुक्त किए गए हैं। इनकी नियुक्ति से सर्वाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मिलेगा। हमारी भावी पीढ़ी को लाभ मिलेगा। मध्यप्रदेश सरकार ने इस वर्ष एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती का लक्ष्य रखा है, जो प्रसन्नता का विषय है। इस साल के अंत तक 60 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का लक्ष्य है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि मध्यप्रदेश शिक्षा सर्वे में देश में 17 वें स्थान से छलांग लगा कर पांचवें स्थान पर आ गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में देश में बड़े लक्ष्यों और नए संकल्पों को सामने रख कर कार्य किया जा रहा है। आज हर क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बनाए जा रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में आज जिस तेज गति से अधो-संरचना निर्माण की रफ्तार है, उससे भी रोजगार की नई संभावनाएँ बन रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में अनेक स्थानों से वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ की गई हैं। इनके प्रारंभ होने से कारोबारियों और आम लोगों को सुविधा हुई है। साथ ही पर्यटन विकास को बढ़ावा मिल रहा है। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट और एक जिला-एक उत्पाद जैसी योजनाओं से भी स्थानीय उत्पाद दूर-दूर तक पहुंच रहे हैं। मुद्रा योजना से भी उन लोगों को बड़ी मदद मिली है जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर थे। सरकार ने नीतिगत स्तर पर जो परिवर्तन किए हैं उसने भारत के स्टार्टअप के क्षेत्र में भी रोजगार के अनेक अवसर बनाए हैं।
उन्होंने कहा, रोजगार और स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार का कौशल विकास पर भी विशेष जोर है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए देश में कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं। इस वर्ष के बजट में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर खोलने का निर्णय लिया गया है। इनमें युवाओं को न्यू एज टेक्नालॉजी द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के जरिए छोटे कारीगरों को ट्रेनिंग देने के साथ एमएसएमई से भी जोड़ने की पहल की गई।