‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद खामोश हुआ पाकिस्तान, आसमान तक सन्नाटा ओढ़े बैठा

By : ira saxena, Last Updated : May 7, 2025 | 12:04 pm

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की निर्णायक कार्रवाई—’ऑपरेशन सिंदूर’—(Operation Sindoor) के बाद पाकिस्तान का चेहरा उतर गया है और उसका पूरा माहौल भय और आशंका के साये में डूबा हुआ है। इस सर्जिकल हवाई प्रहार ने न केवल ज़मीन पर, बल्कि पाकिस्तान के आकाश तक को सन्नाटे में बदल दिया है।

बुधवार की सुबह, जब भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी मंशा को आकाश से सटीक प्रहारों के ज़रिए स्पष्ट किया, उसी वक्त पाकिस्तान की हवाई गतिविधियों में अचानक गिरावट देखी गई। कई प्रमुख हवाई अड्डों पर आपात सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया और कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानें स्थगित कर दी गईं। रिपोर्टों के अनुसार, देशभर में अधिकांश फ्लाइट्स या तो रद्द कर दी गईं या उनके रूट अचानक बदल दिए गए।

फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म ‘फ्लाइटरडार24’ के आँकड़े बताते हैं कि बुधवार सुबह 11 बजे तक पाकिस्तान के आसमान में गिने-चुने विमान ही देखे गए—जिनमें बीजिंग से दुबई और लाहौर से कराची जाने वाली कुछ फ्लाइट्स शामिल थीं। सामान्यतः यह समय पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में चहल-पहल का होता है, लेकिन इस दिन वहाँ वीरानी छाई रही।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत की प्रतिक्रिया के बाद किसी संभावित पलटवार की आशंका में यह एहतियातन कदम उठाया है। इससे पहले पाकिस्तान भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की घोषणा भी कर चुका है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’: आतंक के ठिकानों पर सीधी चोट

भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकवादी ढाँचों को सटीकता के साथ निशाना बनाया गया। इन ठिकानों का इस्तेमाल भारत में हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। इस सैन्य अभियान में कुल नौ आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त किया गया।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई पूर्ण रूप से लक्षित, संतुलित और संयमित रही। भारत ने स्पष्ट किया है कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल आतंकवाद पर प्रहार करना था, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को क्षति पहुँचाना नहीं।

आतंकी हमलों का जवाब, शांति के संदेश के साथ

यह कार्रवाई उस अमानवीय आतंकवादी हमले के जवाब में की गई, जो हाल ही में पहलगाम में हुआ था और जिसमें 25 भारतीय नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की नृशंस हत्या कर दी गई थी। भारत ने यह भी दोहराया कि वह आतंकवाद के विरुद्ध अपने संकल्प पर अडिग है और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुँचाया जाएगा।