‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद इस्लामाबाद में बंद हुए स्कूल-कॉलेज, दहशत का माहौल
By : hashtagu, Last Updated : May 7, 2025 | 12:11 pm

इस्लामाबाद। भारत की निर्णायक वायु-कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की राजधानी इस्लामाबाद में खलबली मच गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से 7 मई को सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश सार्वजनिक व निजी, दोनों ही शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होगा।
इस्लामाबाद के ज़िला मजिस्ट्रेट कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि “वर्तमान सुरक्षा हालात के मद्देनज़र इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक दिन के लिए बंद किया जा रहा है।” हालांकि, इस दौरान पहले से निर्धारित परीक्षाएँ यथावत संचालित की जाएँगी।
पहलगाम के बाद प्रतिघात, निशाने पर आतंक के अड्डे
7 मई की सुबह भारत ने उन आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित हैं और जिनसे भारत के विरुद्ध आतंकी हमलों की साजिशें रची जाती थीं। यह अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से अंजाम दिया गया और इसमें नौ प्रमुख आतंकी अड्डों को सटीकता से ध्वस्त किया गया।
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, “हमारी कार्रवाई पूरी तरह लक्षित और संयमित थी। हमने केवल उन स्थानों पर प्रहार किया जहाँ से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाई जा रही थी। न तो किसी पाकिस्तानी नागरिक को और न ही वहाँ की सेना या अवसंरचना को कोई क्षति पहुँचाई गई।”
पीएम मोदी की निगरानी में चला ऑपरेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस पूरे अभियान पर रातभर कड़ी नजर रखी। सूत्रों के अनुसार, वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सैन्य शीर्ष अधिकारियों के निरंतर संपर्क में रहे, ताकि अभियान हर स्तर पर नियंत्रण में और योजना के अनुरूप आगे बढ़ता रहे। यह सक्रिय भागीदारी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति की पुष्टि करती है।
22 अप्रैल की बर्बरता का जवाब
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में कुछ पर्यटकों पर आतंकियों ने जानलेवा हमला कर दिया था। हमले में 25 भारतीयों और एक नेपाली नागरिक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने चुन-चुनकर निर्दोषों को गोली मारी थी।
भारत की इस सर्जिकल प्रतिक्रिया को उस नृशंस हमले का जवाब माना जा रहा है, और यह संदेश भी कि अब आतंक के हर ठिकाने पर कार्रवाई तय है—चाहे वह सरहद के इस पार हो या उस पार।