तुर्की ने विमान में खड़े होने पर लगाया जुर्माना, भारत को भी चाहिए ऐसा सख्त नियम?

नए नियमों के तहत, यात्रियों को तब तक अपनी सीट पर बैठे रहना होगा जब तक विमान पूरी तरह से रुक न जाए और सीट बेल्ट साइन बंद न हो जाए।

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  • Publish Date - May 30, 2025 / 01:38 PM IST

नई दिल्ली | तारीख: 30 मई 2025: तुर्की सरकार (Turkey Government) ने हाल ही में एक नया विमानन नियम लागू किया है, जो लैंडिंग के दौरान यात्रियों के जल्दबाज़ी में खड़े होने और ओवरहेड बिन खोलने जैसी आदतों पर लगाम लगाएगा। यह नियम देश की सभी वाणिज्यिक उड़ानों पर लागू होगा और इसका उद्देश्य विमान के भीतर सुरक्षा बनाए रखना और अव्यवस्था को रोकना है।

नए नियमों के तहत, यात्रियों को तब तक अपनी सीट पर बैठे रहना होगा जब तक विमान पूरी तरह से रुक न जाए और सीट बेल्ट साइन बंद न हो जाए। कोई भी यात्री अगर इससे पहले सीट बेल्ट खोलता है, खड़ा होता है या सामान निकालने की कोशिश करता है, तो उसे डिसरप्टिव पैसेंजर बिहेवियर यानी ‘उपद्रवी यात्री व्यवहार’ माना जाएगा।

तुर्की की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नियम के उल्लंघन पर 70 अमेरिकी डॉलर (करीब ₹6,000) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक सटीक जुर्माने की राशि घोषित नहीं की गई है।

एयरलाइनों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने इन-फ्लाइट अनाउंसमेंट में इस नियम को स्पष्ट रूप से शामिल करें और यात्रियों को चेतावनी दें। साथ ही, केबिन क्रू को अधिकार दिया गया है कि वे नियम तोड़ने वाले यात्रियों की रिपोर्ट करें और ज़रूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सके।

इस कदम का उद्देश्य केवल अनुशासन ही नहीं, बल्कि सुरक्षा भी है। लैंडिंग के दौरान अचानक ब्रेक लगने, टकराव या बैग गिरने जैसी घटनाओं से यात्रियों को चोट लग सकती है। इसके अलावा, गलियारों में भीड़ जमा होने से निकासी प्रक्रिया में भी बाधा आती है।

भारत में भी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा ‘अनुशासनहीन यात्री व्यवहार’ को लेकर दिशा-निर्देश हैं, लेकिन वे ज़्यादातर गंभीर मामलों जैसे दुर्व्यवहार या हिंसा से संबंधित होते हैं। लैंडिंग के समय खड़े होने जैसी आदतें इन नियमों में सीधे शामिल नहीं हैं।