यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए अब आधार अनिवार्य, केंद्र ने दी मंजूरी

यूपीएससी परीक्षा में 821वीं अखिल भारतीय रैंक हासिल करने वाली प्रोविजनल आईएएस अधिकारी खेडकर पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।

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  • Publish Date - August 29, 2024 / 11:47 AM IST

नई दिल्ली, 29 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) को पंजीकरण के समय और परीक्षाओं के कई चरणों के दौरान उम्मीदवारों की पहचान को सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित पहचान पत्र का उपयोग करने की अनुमति दी है।

कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि यूपीएससी को “वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय और परीक्षा/भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान के वेरीफाई के लिए स्वैच्छिक आधार पर ऑथेंटिकेशन करने की अनुमति है, जिसके लिए हां/नहीं या/और ई-केवाईसी ऑथेंटिकेशन सुविधा का उपयोग किया जाएगा।”

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने कहा, “संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) अधिनियम के सभी प्रावधानों, उसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों और ‘भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण’ से जारी निर्देशों का पालन करेगा।”

यह महत्वपूर्ण कदम जुलाई में यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवार पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को रद्द करने और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने के बाद उठाया गया है।

यूपीएससी परीक्षा में 821वीं अखिल भारतीय रैंक हासिल करने वाली प्रोविजनल आईएएस अधिकारी खेडकर पर अपने अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। उन पर कई आरोप लगे हैं, जिनमें यह दावा भी शामिल है कि पुणे पोस्टिंग के दौरान उन्होंने अलग केबिन और स्टाफ की मांग की, वाशिम जिले में अप्रत्याशित स्थानांतरण का सामना किया और लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन्होंने कथित तौर पर बिना अनुमति के अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के सामने वाले कक्ष पर कब्जा कर लिया, बिना सहमति के कार्यालय के फर्नीचर को हटा दिया और अनधिकृत सुविधाओं का अनुरोध किया।

यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय जैसी सेवाओं और पदों पर भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण) आयोजित करता है। इसमें सिविल लेखा सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय कॉर्पोरेट कानून सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय रक्षा संपदा सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय सूचना सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय डाक सेवा, समूह ‘ए’, भारतीय पी एंड टी लेखा और वित्त सेवा, समूह ‘ए’ शामिल हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त में निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस और यूपीएससी को नोटिस जारी किया था। खेडकर ने जिला अदालत के उस फैसले को चुनौती देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास हासिल करने के लिए अपनी पहचान गलत बताई थी।