भारतीय IT प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स को बड़ी राहत: अमेरिका ने H-1B वीज़ा फीस से दी छूट

यह फैसला भारतीय पेशेवरों के लिए सबसे बड़ी राहत इसलिए है क्योंकि H-1B वीज़ा प्रोग्राम में 70% से ज्यादा हिस्सेदारी भारतीयों की है।

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  • Publish Date - October 21, 2025 / 11:29 AM IST

वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीय तकनीकी पेशेवरों और छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में लागू की गई $100,000 (लगभग ₹90 लाख) की भारी H-1B वीज़ा फीस उन लोगों पर लागू नहीं होगी जो पहले से अमेरिका में वैध वीज़ा पर मौजूद हैं।

यह फीस डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा सितंबर में घोषित की गई थी, जिससे भारतीय पेशेवरों, स्टूडेंट्स और अमेरिकी नियोक्ताओं में घबराहट फैल गई थी। यह फीस 21 सितंबर 2025 से प्रभावी होनी थी, जिससे वीज़ा धारकों पर आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका थी।

किसे मिलेगी छूट?
USCIS के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणियों को इस भारी फीस से छूट दी गई है:

  • जो पहले से H-1B वीज़ा पर अमेरिका में हैं।

  • जो F-1 (विद्यार्थी वीज़ा) या L-1 (कंपनी ट्रांसफर वीज़ा) पर हैं और स्थिति बदलकर H-1B में जा रहे हैं।

  • जो अपनी वीज़ा वैधता बढ़वा रहे हैं या उसका नवीनीकरण करवा रहे हैं।

  • जिनकी वीज़ा याचिका 21 सितंबर 2025 से पहले दायर की गई थी।

USCIS ने यह भी कहा है कि H-1B वीज़ा धारक अमेरिका के अंदर और बाहर यात्रा करने के लिए स्वतंत्र रहेंगे, और उनकी यात्रा पर कोई नई रोक नहीं होगी।

भारतीयों को क्यों मिली सबसे बड़ी राहत?
यह फैसला भारतीय पेशेवरों के लिए सबसे बड़ी राहत इसलिए है क्योंकि H-1B वीज़ा प्रोग्राम में 70% से ज्यादा हिस्सेदारी भारतीयों की है। अमेरिका में करीब 3 लाख भारतीय H-1B वीज़ा पर काम कर रहे हैं, जिनमें ज़्यादातर IT और सेवा क्षेत्र से जुड़े हैं।

हर साल 85,000 नए H-1B वीज़ा दिए जाते हैं, जो एक लॉटरी सिस्टम के जरिए आवंटित होते हैं। अभी तक वीज़ा फीस $215 से $5,000 के बीच होती थी, लेकिन नई प्रस्तावित फीस 20 से 100 गुना ज्यादा होती, जो कि कई शुरुआती कर्मचारियों के सालाना वेतन से भी अधिक थी।

सरकार की सफाई
USCIS ने स्पष्ट किया कि ट्रंप की यह फीस नीति केवल नई याचिकाओं पर लागू होगी, जो 21 सितंबर 2025 के बाद दायर की जाएंगी। जो पहले से अमेरिका में हैं या जिन्होंने इस तारीख से पहले आवेदन किया है, उन्हें इसका भुगतान नहीं करना होगा।

इस घोषणा ने भारतीय टेक टैलेंट को राहत की सांस दी है, जो पहले ही वीज़ा प्रक्रियाओं की अनिश्चितता से जूझते आए हैं।