CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान: “बिना नुकसान के कोई युद्ध नहीं होता, लेकिन भारत ने दिया प्रभावी जवाब”

CDS ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने न केवल आतंक के ठिकानों को तबाह किया है, बल्कि अब कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को बेनकाब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब बिना सोचे-समझे दोस्ती की पहल नहीं कर रहा।

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  • Publish Date - May 31, 2025 / 03:58 PM IST

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “कोई भी युद्ध बिना नुकसान के नहीं लड़ा जा सकता।” लेकिन भारत ने इस बार जिस प्रभावी और रणनीतिक तरीके से जवाब दिया, उसकी दुनियाभर में सराहना हो रही है।

जनरल चौहान ने कहा कि हमें यह समझ है कि अगर कोई रणनीतिक चूक होती है तो हम उसमें सुधार करने में सक्षम हैं, और दो दिनों के भीतर अपनी ताकत को फिर से संगठित कर उसे दोबारा लागू कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना की क्षमता इतनी सशक्त है कि वह लंबी दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बना सकती है।

इस बयान से पहले जनरल चौहान ने सिंगापुर में आयोजित 22वें शांगरी-ला डायलॉग में पाकिस्तान को आतंकवाद पर जमकर घेरा था। उन्होंने कहा, “भारत को हमेशा पाकिस्तान से धोखा मिला है। लेकिन अब हम बदल चुके हैं। अब हमारी रणनीति भी बदली है और हमारा रुख भी।”

CDS ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने न केवल आतंक के ठिकानों को तबाह किया है, बल्कि अब कूटनीतिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को बेनकाब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अब बिना सोचे-समझे दोस्ती की पहल नहीं कर रहा।

उनके शब्दों में, “जब हमें आज़ादी मिली थी, तब पाकिस्तान हर मोर्चे पर हमसे आगे था—सामाजिक, आर्थिक और प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में। लेकिन आज भारत हर क्षेत्र में आगे है—चाहे वो आर्थिक विकास हो, मानव संसाधन हो या सामाजिक समरसता। ये कोई संयोग नहीं है, बल्कि दीर्घकालिक और ठोस रणनीति का नतीजा है।”

जनरल चौहान ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथग्रहण में आमंत्रित किया था, तब भी भारत ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। लेकिन बदले में मिली दुश्मनी के चलते अब “अलगाव ही सबसे सही रणनीति” के रूप में देखा जा रहा है।

इस बयान से साफ है कि भारत अब हर मोर्चे पर पूरी तैयारी और सटीक रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है—चाहे वो सीमा हो या वैश्विक कूटनीति।