इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान का एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू होने के समय उन्हें सुरक्षा कारणों से बंकर में जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया.
एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि उनके मिलिट्री सेक्रेटरी ने उन्हें जानकारी दी कि हालात बेहद गंभीर हैं और जंग जैसी स्थिति बन चुकी है. इसके बाद उन्हें बंकर में सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई. जरदारी ने कहा कि उन्होंने जवाब दिया कि अगर मौत लिखी है तो वहीं आएगी, नेता बंकर में नहीं बल्कि मैदान में रहते हैं.
बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को आतंकी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर कार्रवाई की थी. इस दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक तनाव बना रहा, जिसके बाद दोनों देशों में संघर्षविराम पर सहमति बनी थी.
जरदारी के इस बयान से उस समय पाकिस्तान के शीर्ष नेतृत्व के भीतर बने तनावपूर्ण हालात और सुरक्षा चिंताओं की तस्वीर सामने आती है. यह भी साफ होता है कि हालात कितने संवेदनशील थे और किस स्तर पर सतर्कता बरती जा रही थी.