पुलिस की जांच में ‘बागेश्वर धाम’ पंडित धीरेंद्र शास्त्री को ‘क्लीनचिट’, देखें VIDEO
By : madhukar dubey, Last Updated : January 25, 2023 | 4:42 pm
पुलिस ने बताया की अंधविश्वास फैलाने की शिकायत बागेश्वर धाम सरकार के खिलाफ की थी। श्याम मानव के सौंपे गए 6 घंटे के विडियो का बारिकी से जांच की गई। जिसमें कहीं से भी वे नागपुर के दायरे में अंधविश्वास नहीं फैलाया है। इसकी बारीकी से जांच हुई। उन्होंने कहा कि पुलिस पर कोई दबाव नहीं है, अगर किसी को पुलिस की जांच पर आपत्ति है तो वह कोर्ट जा सकता है। क्योंकि इसमें कहीं से भी कोई चमत्कार की बात सामने नहीं आई है।
पुलिस ने कहा, विडियो में कहीं से भी अंधश्रद्धा फैलाई ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया। इसलिए धीरेंद्र शास्त्री पर कोई भी एफआईआर का मामला ही नहीं बनता है। बता दें, इधर बीच पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं। यहां तक उन्हें चुनौती तक दे डाली, लेकिन सभी को उनकी विद्या और पवित्र आस्था के आगे मुंह ही खानी पड़ी।
नागपुर पुलिस ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 7-8 जनवरी दरबार से जुड़े वीडियो की पड़ताल की गई. पूरी पड़ताल के बाद वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया जो यह साबित करे कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अंधश्रद्धा कानून 2013 के तहत कोई अंधविश्वास फैलाया है।
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने अंधविश्वास फैलाने का लगाया था आरोप
इससे पहले अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने बाबा को चुनौती दी थी कि वे नागपुर में आकर उन्हें चमत्कार दिखाएं। अगर वे ऐसा करेंगे तो उन्हें 30 लाख रुपए दिए जाएंगे. नागपुर में 5 से 11 जनवरी के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम का दरबार लगाया था। श्याम मानव का आरोप है कि उनकी चुनौती के बाद धीरेंद्र शास्त्री कथा अधूरी छोड़ कर चले गए थे।
ऐसे बढ़ता चला गया विवाद
बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह आरोप खारिज कर दिया है कि वे नागपुर का दरबार बीच में छोड़कर भाग गए। उनका कहना है कि बागेश्वर धाम का दरबार नियोजित समय में शुरू और खत्म हुआ। श्याम मानव और अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के लोग तब उन्हें अपनी चुनौती देने क्यों नहीं आए । धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे इस वक्त रायपुर में हैं. उन्हें चुनौती स्वीकार है। लेकिन श्याम मानव और उनसे जुड़ी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को उन्हें चैलेंज देने रायपुर आना पड़ेगा।