नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री की उपस्थिति वाले इस शताब्दी समारोह का सीधा प्रसारण दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में किया जा रहा है।
इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कुछ कॉलेजों ने कार्यक्रम के दौरान 12 बजे तक सभी कक्षाएं निलंबित रखने और छात्रों को काले कपड़े न पहनने को कहा।
पीएम मोदी शुक्रवार को मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।
इस दौरान हिंदू कॉलेज, भीमराव अंबेडकर कॉलेज और जाकिर हुसैन कॉलेज ने अपने सभी शिक्षकों और छात्रों को इस कार्यक्रम के सीधे प्रसारण में शामिल होने की अपील की है। छात्रों से यह भी कहा गया है कि सीधे प्रसारण में शामिल होने पर उन्हें पांच उपस्थिति पत्रक दिये जाएंगे।
कई कॉलेजों ने छात्रों व शिक्षकों से कार्यक्रम के दौरान काला परिधान नहीं पहनने को भी कहा है। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय ने आधिकारिक तौर पर कोई ऐसा नोटिस या सर्कुलर जारी नहीं किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी उपस्थिति से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार शाम को इस संदर्भ में कहा कि 30 जून को शताब्दी समारोह में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। शिक्षा के एक प्रमुख केंद्र के रूप में, डीयू एक सदी से प्रतिभाओं का पोषण और बौद्धिक विकास को बढ़ावा दे रहा है। इस माइलस्टोन पर डीयू बिरादरी को बधाई।
वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने बीते वर्ष 1 मई, 2022 को अपने शताब्दी समारोह की शुरुआत की थी। इसके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर एक उद्घाटन समारोह का आयोजन भी किया था।
गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना एक मई, 1922 को हुई थी। विश्वविद्यालय ने अपनी शताब्दी मनाने के लिए पूरे वर्ष कई गतिविधियों और पहलों की योजना बनाई थी। इनमें नए छात्रावासों और भवनों का निर्माण, नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत और विभिन्न उत्सव एवं कार्यक्रम शामिल थे।
विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए वृत्तचित्र बनाए गए, इसके साथ ही प्रकाश और ध्वनि शो ने इसकी विरासत को जीवंत किया गया।
डीयू स्टूडियो की स्थापना, लिटफेस्ट, पुस्तक मेले और सेमिनार, सम्मेलन, कार्यशालाएं और अंतर्राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन अन्य उल्लेखनीय गतिविधियों भी इसी में शामिल हैं।