नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)| बढ़ती महंगाई और कमजोर होते रुपये के कारण चिंता पैदा करने वाली भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अर्थशास्त्री भारत का एक उज्जवल भविष्य देखते हैं। उन्होंने कहा, विकसित देशों के विशेषज्ञ एक बड़े संकट से डरते हैं, लेकिन अर्थशास्त्री कहते हैं कि भारत के पास आर्थिक क्षमता प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर है। प्रधानमंत्री मंगलवार को एक रोजगार मेले को संबोधित कर रहे थे, जहां नए भर्ती किए गए 71 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए।
मोदी ने इस अवसर पर कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल भी लॉन्च किया। इसे माध्यम से सभी नवनियुक्त लोगों को ऑनलाइन ओरिएंटेशन कोर्स उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत के विकास के बारे में आशावादी हैं और आश्वस्त हैं कि यह वैश्विक विनिर्माण को केंद्र बनने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि कर्मयोगी भारत प्रारंभ पर कई ऑनलाइन पाठ्यक्रम हैं, इससे युवाओं को कौशल विकास में बहुत मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा, युवा देश की सबसे बड़ी ताकत है और सरकार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि उनकी प्रतिभा का राष्ट्र निर्माण में उपयोग हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रोजगार मेला यह दिखाता है कि सरकार सरकारी नौकरी देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।
महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर युवाओं के लिए पैदा हुए संकट पर बात करते हुए मोदी ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार भारत सेवा क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बन गया है और जल्द ही यह दुनिया का विनिर्माण केंद्र भी होगा।
उन्होंने कहा कि जहां पीएलआई जैसी पहल इसमें बड़ी भूमिका निभाएगी, वहीं इसका मुख्य आधार देश के युवा और कुशल जनशक्ति होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएलआई योजना से 60 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है।