हिंदू समाज को एकजुट होकर मिटाना चाहिए मतभेद : मोहन भागवत

By : dineshakula, Last Updated : October 6, 2024 | 10:02 am

जयपुर, 6 अक्टूबर (आईएएनएस) आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को हिंदू समाज से एकजुट होकर आपस में मतभेद और विवाद मिटाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, “हिंदू समाज को भाषा, जाति और प्रांत के मतभेद और विवाद मिटाकर अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा। समाज ऐसा होना चाहिए, जिसमें एकता, सद्भावना और बंधन का भाव हो।”

उन्होंने कहा कि समाज में आचरण का अनुशासन, राज्य के प्रति कर्तव्य और लक्ष्य-उन्मुख होने का गुण जरूरी है।

उन्होंने कहा, “समाज सिर्फ मेरे और मेरे परिवार से नहीं बनता, बल्कि हमें समाज के प्रति सर्वांगीण चिंता के जरिए अपने जीवन में ईश्वर को प्राप्त करना है।”

भागवत ने कहा कि संघ का काम यांत्रिक नहीं, बल्कि विचार आधारित है।

उन्होंने कहा, “संघ के कार्य की तुलना में दुनिया में कोई कार्य नहीं है। संघ की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। संघ से संस्कार समूह नेता में, समूह नेता से स्वयंसेवक में और स्वयंसेवक से परिवार में जाते हैं। परिवार से समाज का निर्माण होता है। संघ में व्यक्ति के विकास की यही पद्धति अपनाई जाती है।”

मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा देश की ताकत के कारण है। “भारत एक हिंदू राष्ट्र है। हम प्राचीन काल से यहां रह रहे हैं, हालांकि हिंदू नाम बाद में आया। यहां रहने वाले भारत के सभी संप्रदायों के लिए हिंदू शब्द का इस्तेमाल किया जाता था। हिंदू सभी को अपना मानते हैं और सभी को स्वीकार करते हैं। हिंदू कहता है कि हम सही हैं और आप भी अपनी जगह सही हैं – एक दूसरे से लगातार संवाद करते हुए सद्भावना से रहें। भागवत ने कहा कि स्वयंसेवकों को हर जगह संपर्क करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “समाज में व्याप्त कमियों को दूर करने और समाज को मजबूती देने का प्रयास करना चाहिए। समाज में सामाजिक समरसता, सामाजिक न्याय, सामाजिक स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन का आह्वान होना चाहिए।”