नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान के बीच कई मामलों में परिणाम अपेक्षाओं से भी बेहतर रहे हैं जो दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच बेहतरीन तालमेल के कारण ही संभव हो पाया है।
राजनाथ सिंह ने आज शाम जापान के रक्षा मंत्री किहारा मिनोरू (Japan’s Defense Minister Kihara Minoru) से मुलाकात के बाद कहा कि दोनों देशों ने साझे हितों के द्विपक्षीय और क्षेत्रीय विषयों के बारे में चर्चा की। हिंद-प्रशांत क्षेत्र को दो महत्वपूर्ण देश होने के नाते, भारत और जापान कई मायनों में इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण प्रहरी हैं। इसलिए यह यह साझेदारी क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “हमारे, रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। साल 2047 में जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर रहे होंगे, उसके लिए हमने विकसित भारत का विजन रखा है। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए स्वदेशी रक्षा क्षमता का निर्माण इस विजन का एक अभिन्न अंग है। आज की बैठक में हमने इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा अर्थपूर्ण नतीजों पर पहुंचने के लिए, एक-दूसरे के प्रयासों का समर्थन करने के निश्चय को व्यक्त किया है।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और जापान का हिंद-प्रशांत पर एक साझा विजन है। क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के मुद्दों पर सामान्य दृष्टिकोण बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “वर्ष 2023 हमारे रक्षा कार्यों में एक मील का पत्थर साबित हुआ। संयुक्त वार्ता की स्थापना और हमारी वायु सेनाओं के बीच पहला फाइटर अभ्यास ‘वीर गार्जियन’ हमारे रक्षा बलों के बीच बढ़ते इसी सहयोग का प्रतीक है। पहली बार, सशस्त्र सेनाओं की तीनों ही सेवाओं ने एक ही कैलेंडर वर्ष में संयुक्त अभ्यास किया है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि सितंबर 2022 में टोक्यो में पिछली बैठक से लेकर अब तक संतोषजनक प्रगति हुई है। भारत और जापान के बीच तीसरी ‘2 प्लस 2’ वार्ता में विशेष रणनीतिक और वैश्विक पार्टनरशिप को और आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने सभी मंत्रियों, उनके प्रतिनिधि मंडल और कर्मचारियों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि यह वर्ष भारत और जापान दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देश अपनी विशेष वैश्विक स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। पिछले दशक में रक्षा सहयोग के संबंध में दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की।
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