अमेरिकी रिपोर्ट का दावा: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की बढ़त, पहलगाम हमले को आतंकी हमला नहीं माना
By : dineshakula, Last Updated : November 20, 2025 | 4:57 pm
By : dineshakula, Last Updated : November 20, 2025 | 4:57 pm
नई दिल्ली – अमेरिका की यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन (USCC) की नई रिपोर्ट ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कई विवादित दावे किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन में बढ़त हासिल की और उसने दावा किया कि उसने कम से कम 6 भारतीय लड़ाकू विमानों को गिराया, जिनमें राफेल जेट भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार इन दावों से राफेल की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा, जबकि वास्तविक रूप से सिर्फ तीन भारतीय विमानों के गिराए जाने की पुष्टि होती है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि USCC के मुताबिक चीन ने भारत-पाकिस्तान युद्ध का इस्तेमाल अपने आधुनिक हथियारों को लाइव वॉर में टेस्ट करने और वैश्विक स्तर पर उनकी क्षमता दिखाने के लिए किया। लड़ाई के बाद दुनिया भर में चीनी दूतावासों ने अपने हथियारों की जमकर तारीफ की और कहा कि पाकिस्तान ने इन्हीं हथियारों के इस्तेमाल से भारतीय विमान गिराए।
इसी दौरान संघर्ष खत्म होने के 5 महीने बाद चीन ने इंडोनेशिया को 75 हजार करोड़ रुपए में 42 J-10C फाइटर जेट बेचने की बड़ी डील भी कर ली।
रिपोर्ट दावा करती है कि पाकिस्तान ने लड़ाई में चीन के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम, PL-15 मिसाइलें और J-10 फाइटर जेट का इस्तेमाल किया। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को इस दौरान चीन से खुफिया इंटेलिजेंस भी मिली, हालांकि पाकिस्तान ने इसे नकार दिया और चीन ने इस पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की। रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2023 के बीच पाकिस्तान के 82% हथियार चीन से आए हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि USCC ने पहलगाम अटैक को आतंकी हमला नहीं माना, जिसके बाद भारत की राजनीति में प्रतिक्रिया तेज हो गई। कांग्रेस ने इस रिपोर्ट को लेकर कहा कि यह भारतीय डिप्लोमेसी के लिए बड़ा झटका है और अमेरिका के मूल्यांकन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
USCC क्या है?
90 के दशक के अंत में अमेरिका में चीन की तेज आर्थिक और तकनीकी प्रगति को लेकर चिंता बढ़ी। इसके बाद USCC का गठन चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया गया। यह आयोग खुद कोई कार्रवाई नहीं करता, बल्कि रिपोर्ट बनाकर अमेरिकी संसद को सौंपता है। किसी भी सिफारिश को अंतिम रिपोर्ट में शामिल करने के लिए कम से कम आठ सदस्यों का समर्थन जरूरी होता है।
यह रिपोर्ट भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सैन्य समीकरणों पर नई बहस छेड़ रही है।