चेन्नई, 30 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को कहा कि भारत की अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला आदित्य-एल1 (Aditya-L1) पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से सफलतापूर्वक बाहर चली गई है। आदित्य-एल1 ने अब तक 9.2 लाख किमी से अधिक की यात्रा की है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, आदित्य-एल1 अब सन-अर्थ लैग्रेंज प्वाइंट 1 (एल1) की ओर अपना रास्ता तय कर रहा है।
यह लगातार पांचवीं बार है जब इसरो ने किसी वस्तु को किसी अन्य खगोलीय पिंड या अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। इसरो ने अंतरिक्ष यान को तीन बार चंद्रमा और एक बार मंगल की ओर स्थानांतरित किया है।
आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को भारतीय रॉकेट, ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) से निम्न पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया। उस समय से इसरो ने अंतरिक्ष यान की कक्षा को चार बार बढ़ाया है।
जैसे ही अंतरिक्ष यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र (एसओआई) से बाहर निकलने के बाद लैग्रेंज प्वाइंट (एल1) की ओर यात्रा करेगा, क्रूज़ चरण शुरू हो जाएगा। फिर, इसे एल1 के चारों ओर एक बड़े प्रभामंडल कक्षा में इंजेक्ट किया जाएगा। लॉन्च से एल1 तक की कुल यात्रा में आदित्य-एल1 को लगभग चार महीने लगेंगे और पृथ्वी से दूरी लगभग 1.5 मिलियन किमी होगी।
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