नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए मतगणना शुरू (Counting of votes begins) हो गई है। मतगणना एक बड़ी प्रक्रिया है जिसमें 64 करोड़ से अधिक वोटों की गिनती की जानी है। इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्रों पर सुबह आठ बजे पहली ईवीएम खुली।
मतगणना शुरू होने के आधे घंटे बाद सुबह साढ़े आठ बजे से चुनाव नतीजों के रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। सभी मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था भी की गई है। मतगणना के दौरान ईवीएम और वीवीपैट की निगरानी रखी जा जा रही है।
लोकसभा चुनाव में इस बार 64 करोड़ 20 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने वोट डाले हैं। चुनाव आयोग ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, हमने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है। इन 64 करोड़ मतदाताओं में से 31 करोड़ महिला मतदाता हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती को लेकर कई राजनीतिक दलों ने अपने काउंटिंग एजेंटों को ट्रेनिंग दी है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद डॉ संदीप पाठक ने सोमवार को ‘आप’ के काउंटिंग एजेंटों को ट्रेनिंग दी। इसके लिए पार्टी मुख्यालय में एक ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया गया।
अधिकांश मतगणना केंद्रों पर विभिन्न पार्टियों के काउंटिंग एजेंट सुबह 6 बजे ही अपने-अपने मतगणना केंद्र पर पहुंच गए।
गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन के दलों ने अपने-अपने एजेंटों को हिदायत दी है कि जब तक एक-एक वोट की गिनती नहीं हो जाती, तब तक किसी भी एजेंट को मतगणना केंद्र छोड़कर नहीं जाना है। मतगणना के दौरान अगर काउंटिंग एजेंट को किसी भी तरह का कोई शक होता है तो उसे तुरंत अपनी शिकायत रिटर्निंग ऑफिसर के पास दर्ज करानी है। किसी भी हाल में काउंटिंग एजेंट को चुप नहीं रहना है। काउंटिंग एजेंट को हर ईवीएम मशीन का नंबर और मशीन को खोलने का समय जरूर मैच करना है। उनको एक-एक वोट की गिनती पर कड़ी नजर बनाए रखनी है।
ईवीएम से वोटों की गिनती का तय संख्या में वीवीपैट से मिलान के बाद अंतिम नतीजे सामने आएंगे। निर्वाचन आयोग द्वारा तय नियमों के मुताबिक मतगणना केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल कैमरा या अन्य कोई डिवाइस व ज्वलनशील पदार्थ, सिगरेट, माचिस ले जाना प्रतिबंध है।
शुरुआती दौर में पोस्टल बैलेट की गिनती की जा सकती है। इस बार एक दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि पोस्टल बैलेट की गिनती उसी प्रकार की जाएगी जैसे 2019 से लेकर अब तक विभिन्न चुनाव में की जा रही है। उन्होंने कहा कि अमूमन पोस्टल बैलेट की संख्या कम होती है और उनकी गिनती पहले समाप्त हो जाती है। वोटों की गिनती के दौरान पूरी वीडियोग्राफी कराई जा रही है। रिटर्निंग ऑफिसर के टेबल पर राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को बैठने की मंजूरी दी गई है। मतगणना की पूरी प्रक्रिया मतगणना केंद्रों के भीतर और बाहर 70-80 लाख लोगों के बीच हो रही है।
गौरतलब है कि विपक्ष ने वीडियोग्राफी, उम्मीदवारों के एजेंटों की मौजूदगी, पोस्टल बैलेट आदि के विषय चुनाव आयोग के समक्ष रखे थे।