मॉनसून 2025: वक्त से पहले आया मेहरबान मौसम, भारत के लिए क्यों है इतना अहम

By : dineshakula, Last Updated : May 27, 2025 | 8:58 am

नई दिल्ली – चिलचिलाती गर्मियों की मार झेल रहे भारत के करोड़ों लोगों के लिए राहत की सबसे बड़ी उम्मीद होती है – मॉनसून(Monsoon) । इस बार मौसम की यह सौगात समय से पहले ही मिल गई है। दक्षिण पश्चिमी मॉनसून आमतौर पर हर साल 1 जून को केरल पहुंचता है, लेकिन इस बार 2025 में यह 10 दिन पहले यानी 23 मई को ही केरल की धरती को भिगो चुका है। यही नहीं, मॉनसून की ये बारिश केवल केरल तक सीमित नहीं रही, बल्कि उसी दिन तमिलनाडु, कर्नाटक और लक्षद्वीप तक भी पहुंच गई।

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2009 के बाद पहली बार मॉनसून इतनी जल्दी आया है। पिछले साल यानी 2024 में यह 30 मई और 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था, जबकि अब से पहले सबसे जल्दी 1990 में 19 मई को मॉनसून ने दस्तक दी थी। यानी यह घटना अपने आप में ऐतिहासिक कही जा सकती है।

23 मई को ही मॉनसूनी हवाएं पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम तक भी पहुंच गईं – और वो भी सामान्य समय से लगभग 12 दिन पहले। भारत के बड़े हिस्से में इस वक्त बादल छाए हुए हैं और उपग्रह की तस्वीरें यह साफ़ दिखा रही हैं कि मॉनसून कितनी तेज़ी से देश भर में पांव पसार रहा है।

मॉनसून की यह रफ्तार इतनी तेज़ रही कि केरल पहुंचने के अगले ही दिन यह महाराष्ट्र तक पहुंच गया और मुंबई में भारी बारिश होने लगी। पिछले पांच दशकों में यह पहला मौका है जब मॉनसून एक ही समय में कर्नाटक और महाराष्ट्र में दाखिल हुआ। 1971 में आखिरी बार ऐसा हुआ था।

हालांकि मुंबई की पहली ही बारिश ने शहर की तैयारियों की पोल खोल दी। बीएमसी की व्यवस्थाएं फेल होती नजर आईं। दादर का हिंदमाता इलाका एक बार फिर पानी में डूब गया। जल निकासी की बदहाल व्यवस्था उजागर हो गई क्योंकि नालों की सफाई समय पर नहीं हो सकी।

भारत में मॉनसून का समय पर आना या उससे पहले पहुंचना सिर्फ राहत की बात नहीं, बल्कि कृषि और जल संकट से जूझ रहे करोड़ों लोगों के लिए जीवनरेखा की तरह है। मई-जून के महीने आमतौर पर देश के कई हिस्सों में पानी की भारी किल्लत लेकर आते हैं, लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी बेहतर लग रही है।

जल्दी आया मॉनसून जहां फसलों की बुआई और सिंचाई के लिए सकारात्मक संकेत दे रहा है, वहीं प्रशासनिक तैयारियों की सच्चाई भी उजागर कर रहा है। अब देखना यह है कि यह मॉनसून आगे कितनी राहत और कितनी चुनौती लेकर आता है।