भुवनेश्वर, 7 जून (आईएएनएस)| एक शव के लिए कई दावों के बीच ओडिशा (Odisha) सरकार ने मृतकों की पहचान करने के लिए डीएनए परीक्षण के लिए एम्स नई दिल्ली को 33 सैंपल भेजे हैं। एक तरफ जहां कुछ शवों पर दावा करने वाला कोई नहीं है, वहीं कई शव ऐसे है, जिनपर कई लोग अपने परिवार का सदस्या होने का दावा कर रहे हैं। भुवनेश्वर की मेयर सुलोचना दास ने कहा कि चूंकि शव बहुत बुरी स्थिति में हैं, इसलिए परिवार के सदस्यों को पहचान करने में भी मुश्किल हो रही है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, सुलोचना ने कहा, हम सभी प्रयास कर रहे हैं ताकि रिश्तेदारों को परेशानी मुक्त तरीके से अपने प्रियजनों का शव मिल सके।
उन्होंने बताया कि 33 शवों और उनके दावेदारों के सैंपल डीएनए परीक्षण के लिए एम्स दिल्ली भेजे गए हैं। दास ने कहा कि एक बार रिपोर्ट उपलब्ध होने के बाद, शवों को वास्तविक दावेदारों को सौंप दिया जाएगा।
मेयर ने आगे कहा कि अन्य अस्पतालों की मोर्चरी में रखे 39 शवों को कल रात एम्स भुवनेश्वर लाया गया और अब पहचान के लिए छोड़े गए सभी 88 शवों को चार बड़े कंटेनरों में सुरक्षित रखा गया है।
पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उनके बेटे का शव दो दिन पहले बिहार के किसी व्यक्ति को सौंपा गया है। कई अन्य लोग अपने प्रियजनों का पता नहीं लगा पा रहे हैं जो 2 जून को ट्रेनों में यात्रा कर रहे थे।
राज्य सरकार ने एम्स और अन्य अस्पतालों में हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं जहां यात्रियों का इलाज चल रहा है। ओडिशा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिकारी पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार द्वारा शवों को शवगृहों से गंतव्य तक मुफ्त ले जाने की व्यवस्था की गई थी।
इस बीच, उन पटरियों पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं, जहां 2 जून की शाम ट्रेन हादसा हुआ था। दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि कुल 56 ट्रेनें इस स्टेशन को ऊपर की ओर और 67 नीचे की दिशा में इस स्टेशन को पार कर चुकी हैं।
अब तक मुआवजे के 688 मामले हैं और अब तक 19.26 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूछताछ जोरों पर चल रही है।