नई दिल्ली: जब शनिवार शाम को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की एक महीने की सफलता का जश्न राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों और सैन्य प्रमुखों ने मनाया, उसी समय सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने थल, वायु और नौसेना—तीनों सेनाओं को लॉन्ग-रेंज लोइटरिंग एम्युनिशन, आर्टिलरी शेल्स, कामिकाज़े ड्रोन, और बियॉन्ड-विज़ुअल-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलों के भंडारण की स्वीकृति दे दी है। ये मिसाइलें उन चीनी मिसाइलों से भी लंबी दूरी तक वार कर सकती हैं जिनका उपयोग पाकिस्तान ने चार दिन तक चली उच्च तीव्रता वाली झड़प के दौरान किया था।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायु सेना (IAF) के फाइटर जेट्स, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बैटरियों, और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने चार पाकिस्तानी फाइटर जेट्स (चीनी निर्मित) और दो बड़े सैन्य विमान (संभावित रूप से एक C-130J और एक SAAB 2000 AEW&C) को मार गिराया।
जानकारों के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के 11 वायुसेना ठिकानों (जैसे सरगोधा, रफीकी, जेकोबाबाद, और नूर खान एयरबेस) पर मिसाइल हमले किए। इन हमलों में दो F-16 लड़ाकू विमान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने के संकेत मिले हैं।
भारत की राफेल फाइटर जेट्स, S-400 मिसाइल सिस्टम, और M777 हॉवित्ज़र तोपों ने ऑपरेशन के दौरान बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, S-400 सिस्टम ने तीन दुश्मन विमानों को मार गिराया।
10 मई को भारत द्वारा किए गए जवाबी हमले में:
एक चीनी LY-80 फायर रडार,
दो AN/TPQ-43 अमेरिकी स्वचालित ट्रैकिंग रडार,
और एक HQ-9 फायर यूनिट (चीनी S-300 जैसी प्रणाली) को चकलाला एयरबेस पर नष्ट कर दिया गया।
नई खुफिया जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के पास चार HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम हैं — जबकि पहले माना जा रहा था कि केवल दो ही हैं।