पीएम मोदी ने कही यूनिफॉर्म सिविल कोड, वन नेशन वन इलेक्शन की बात

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तो कहूंगा कि अब समय की मांग है कि देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो हमने एक कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं।

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  • Publish Date - August 15, 2024 / 11:34 AM IST

नई दिल्ली,15अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)  ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात कही है। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर भी अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने राजनीति में परिवारवाद और जातिवाद समाप्त करने और 1 लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही जिनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न हो।

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। अनेक बार आदेश दिए हैं। क्योंकि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है और उसमें सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर के हम जी रहे हैं वह सिविल कोड एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है। भेदभाव करने वाला सिविल कोड है।

प्रधानमंत्री ने कहा, देश की आजादी को 75 साल हो चुके हैं ऐसे में देश में कम्युनल सिविल कोड लागू नहीं होना चाहिए। संविधान की भावना हमें कहती है यह करने के लिए। देश की सुप्रीम कोर्ट जो हमें कहती है करने के लिए। जो देश के संविधान निर्माता का सपना था उस सपने को पूरा करना हम सब का दायित्व है।

आगे बोले, मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय पर देश में चर्चा हो। व्यापक चर्चा हो। हर कोई अपने विचार को लेकर के आए। उन कानूनों को जो कानून के धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं, जो ऊंच नीच का कारण बन जाते हैं, ऐसे कानून का आधुनिक समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता।

 

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तो कहूंगा कि अब समय की मांग है कि देश में एक सेकुलर सिविल कोड हो हमने एक कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं। अब हमें सेकुलर सिविल कोड की ओर जाना होगा, तब जाकर देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहे हैं, सामान्य नागरिक को जो दूरी महसूस होती है उससे हमें मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात भी लाल किले की प्राचीर से की।

उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए देश को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि बार-बार आने वाले चुनाव इस देश की प्रगति में रुकावट उत्पन्न करते हैं। आज कोई भी योजनाओं को चुनाव के साथ जोड़ना आसान हो गया है। क्योंकि हर 3 महीने 6 महीने बाद चुनाव होते हैं। हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है इसलिए देश ने व्यापक चर्चा की है।

सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं। मैं लाल किले से तिरंगे को साक्षी रखते हुए देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं। संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की तरक्की के लिए, भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जन सामान्य के लिए हो सके, इसके लिए वन नेशन वन इलेक्शन के लिए हमें आगे आना चाहिए।