नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| रेलवे (Railway) ने ई-टिकटिंग को तेज, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।
रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव शुक्रवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उतर में जानकारी दी कि ई टिकटिंग सिस्टम के मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करते हुए भारतीय रेलवे द्वारा कई निवारक और दंडात्मक उपाय किए गए हैं। आईआरसीटीसी आरक्षण वेबसाइट को फुलप्रूफ बनाने के लिए इस संबंध में की गई कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
सभी कार्ड आधारित भुगतान 3डी-सिक्योर द्वारा सुरक्षित रहें। ऑनलाइन क्रेडिट लेनदेन के लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा के तहत वीजा, मास्टरकार्ड सिक्योरकोड के सत्यापन अनिवार्य कर दिए हैं।
वहीं रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के कारोबार में अनधिकृत रूप से संलिप्त पाए गए व्यक्तियों या एजेंसियों के खिलाफ आरपीएफ द्वारा नियमित अभियान चलाया जायेगा। अपराधियों पर रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत मामला दर्ज कर, व्यापक प्रभाव वाले मामलों और अन्य अपराधी तत्वों को शामिल करने वाले मामलों को पुलिस और सीबीआई जैसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समन्वय से निपटाया जाता है।
यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं कि टिकट संक्षिप्त नामों पर बुक नहीं किए गए हैं और आरक्षित टिकट बुक करते समय यात्री का पूरा नाम और उपनाम, जहां भी लागू हो, दर्ज किया गया हो। इसके साथ ही आरक्षित श्रेणी में यात्रा करते समय किसी एक यात्री के लिए निर्धारित पहचान पत्र साथ रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंटों को तत्काल बुकिंग शुरू होने के पहले पंद्रह मिनट के दौरान टिकट बुक करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। पब्लिक एड्रेस सिस्टम और मीडिया के माध्यम से आम जनता को भी असामाजिक तत्वों से टिकट न खरीदने का संदेश जारी किया गया है।
आईआरसीटीसी यूजर को व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं को एक महीने में केवल 12 टिकटों की अनुमति है, जब तक कि आधार के माध्यम से प्रमाणित न हो, जिसमें एक उपयोगकर्ता द्वारा सामूहिक बुकिंग को रोकने के लिए एक महीने में 24 टिकट बुक किए जा सकते हैं।