नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की खुदरा डिजिटल रुपया (ईए,-आर) के लिए पहली पायलट परियोजना 1 दिसंबर, 2022 को शुरू की जाएगी। आरबीआई द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पायलट भाग लेने वाले ग्राहकों और व्यापारियों के क्लोजर यूजर ग्रुप (सीयूजी) में चुनिंदा स्थानों को कवर करेगा।
ईए,-आर एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो कि लीगल टेंडर होगा। यह उसी मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा जैसे वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी किए जाते हैं। यह बिचौलियों, यानी बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट में चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई है।
पहला चरण देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फस्र्ट बैंक के साथ शुरू होगा। बाद में चार और बैंक — बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल होंगे।
पायलट शुरू में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर यानि चार शहरों को कवर करेगा और बाद में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक विस्तारित होगा। बयान में कहा गया है कि उपयोगकर्ता भाग लेने वाले बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन या उपकरणों पर संग्रहीत डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ईए,-आर के साथ लेनदेन करने में सक्षम होंगे।
लेन-देन व्यक्ति से व्यक्ति (पी2पी) और व्यक्ति से व्यापारी (पी2एम) दोनों हो सकते हैं। व्यापारी स्थानों पर प्रदर्शित क्यूआर कोड का उपयोग कर भुगतान किया जा सकता है। ईए,-आर भौतिक नकदी जैसे विश्वास, सुरक्षा और निपटान अंतिमता की सुविधाओं की पेशकश करेगा। नकदी के मामले में, यह कोई ब्याज नहीं कमाएगा और इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है, जैसे कि बैंकों में जमा।