चुनावी साल में अप्रैल से जून के बीच भीषण गर्मी और लू चलने का अनुमान

चुनावी साल (Election year) में अप्रैल से जून के बीच उत्तर के मैदानी इलाकों समेत दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू (हीट वेव) चलेगी।

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  • Updated On - April 1, 2024 / 09:50 PM IST

नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। चुनावी साल (Election year) में अप्रैल से जून के बीच उत्तर के मैदानी इलाकों समेत दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू (हीट वेव) चलेगी। इसी समय सात अलग-अलग चरणों में देश में लोकसभा चुनाव भी होंगे। सोमवार को भारत के मौसम विज्ञान विभाग (Imd) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने मौसम की यह जानकारी साझा की।

  • उनके मुताबिक, अप्रैल और जून के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है। मध्य भारत, उत्तर के मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कई दिनों तक लू चलने का अनुमान है। इन राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं।

मौसम विभाग ने कहा कि तेईस राज्यों ने हीट वेव से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की है। हीट वेव के दौरान ही चुनावी रैलियां भी होंगी। बड़ी संख्या में देश के विभिन्न स्थानों पर चुनावी ड्यूटी के लिए लोगों की तैनाती होगी। फोर्स एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जांएगी।

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरन रिजिजू ने कहा, अप्रैल के अंत में और उसके बाद गरम मौसम की भविष्यवाणी की गई है। इस समय करोड़ों लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे, इसलिए पहले से तैयारी जरूरी है। हमें आगामी ढाई महीनों में अत्यधिक गर्म मौसम होने का अनुमान है।

  • मौसम विभाग ने कहा है कि अधिकतम तापमान में वृद्धि का गेहूं की फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। आईएमडी ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ेगी। इसका सबसे अधिक प्रभाव मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर पड़ने की आशंका है। हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों के लिए लू की कोई चेतावनी नहीं है। मध्य भारत और पश्चिमी भारत में सामान्य से ऊपर तापमान बने रहने की संभावना जताई गई है।

आईएमडी ने कहा कि हीटवेव का सबसे ज्‍यादा असर गरीबों पर पड़ेगा। हीटवेव के दौरान, ऊंचे तापमान से जोखिम पैदा होता है। इसके कारण विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मौसम विभाग ने अधिकारियों से सक्रिय कदम उठाने को कहा, क्योंकि अत्यधिक गर्मी से बिजली और परिवहन प्रणालियों जैसे बुनियादी ढांचे पर दबाव पड़ सकता है।

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