Credit Cards: त्योहारी सीजन में फेस्टिव सेल के दौरान डिस्काउंट और ऑफर्स की भरमार होती है। ऐसे में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करना आसान और फायदेमंद लग सकता है, लेकिन यही सुविधा अगर समझदारी से न इस्तेमाल की जाए, तो आपको कर्ज के जाल में फंसा सकती है। आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल कैसे करें और मुफ्त के ऑफर्स में छिपे खतरों से कैसे बचें।
क्रेडिट कार्ड कंपनियां ‘नो-कॉस्ट EMI’ या ‘जीरो इंटरेस्ट EMI’ का लालच देती हैं, खासकर जब आप महंगे स्मार्टफोन, टीवी या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं। लेकिन असलियत में ये ऑफर पूरी तरह मुफ्त नहीं होते:
कई बार कंपनी ब्याज नहीं लेती, लेकिन प्रोसेसिंग फीस या फाइल चार्ज के नाम पर पैसे काटती है।
मर्चेंट प्रोडक्ट की कीमत बढ़ा देते हैं या छूट कम कर देते हैं, जिससे आप वही पैसा दूसरे तरीके से चुका देते हैं।
आसानी से किश्तों पर चीजें मिल जाने से फाइनेंशियल डिसिप्लिन बिगड़ सकती है और आप ऐसे प्रोडक्ट भी खरीद लेते हैं जिनकी जरूरत नहीं होती।
क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर रिवॉर्ड पॉइंट और कैशबैक का फायदा मिलता है, लेकिन इसका सही उपयोग जरूरी है:
हर कार्ड की रिवॉर्ड पॉलिसी अलग होती है — कुछ कार्ड फ्लाइट बुकिंग पर ज्यादा पॉइंट्स देते हैं, कुछ किराने की खरीदारी पर।
जहां आपको ज्यादा फायदा मिले, वहीं पॉइंट्स को रिडीम करें।
इनका इस्तेमाल सिर्फ उन्हीं चीजों पर करें जो आप पहले से खरीदने वाले थे। लालच में आकर फालतू चीजें न खरीदें।
कर्ज के जाल से कैसे बचें?
क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा खतरा तब होता है जब आप समय पर बिल नहीं चुका पाते:
हर महीने पूरा बिल भरें, सिर्फ मिनिमम अमाउंट नहीं।
बची हुई राशि पर 30% से 45% तक सालाना ब्याज लग सकता है, जो चक्रवृद्धि दर से बढ़ता है और भारी कर्ज बन सकता है।
समय पर भुगतान के लिए ऑटो-पेमेंट सेट कर सकते हैं।
कोशिश करें कि अपने कार्ड की क्रेडिट लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल न करें। इससे क्रेडिट स्कोर भी अच्छा बना रहेगा और फाइनेंस भी कंट्रोल में रहेगा।
फेस्टिव सेल में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करना सही फैसला हो सकता है, अगर आप इसके नियम और शर्तों को समझकर, बजट के भीतर और जरूरत के अनुसार खर्च करें। वरना मुफ्त के ऑफर्स के नाम पर आप कर्ज के फंदे में फंस सकते हैं।