PM Modi: कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो दिवसीय नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसपर जमकर हमला बोला।

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  • Publish Date - November 18, 2022 / 11:54 AM IST

नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में दो दिवसीय नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसपर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कुछ देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं। ये उनकी विदेश नीति का हिस्सा है। यही नहीं ये देश आतंकी संगठनों को राजनीतिक, वैचारिक और आर्थिक मदद भी करते हैं। प्रधानमंत्री ने 78 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर एक लागत लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व को आज आतंकवाद के सभी प्रकार के गुप्त, प्रत्यक्ष समर्थन के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है। तभी वैश्विक आतंकवाद को खत्म किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक संगठनों को ये नहीं समझना चाहिए कि युद्ध नहीं हो रहा है तो सब शांति है। उन्होंने कहा कि प्रॉक्सी युद्ध ज्यादा खतरनाक है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो संगठन और लोग आतंकवादियों के लिए सहानुभूति रखते हैं, उन्हें भी अलग थलग करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि हर आतंकी हमले को बराबर आक्रोश और प्रतिक्रिया मिलनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हम मानते हैं कि एक भी हमला बहुत अधिक है। यहां तक कि एक भी जीवन खो दिया, तो वो भी बहुत अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश ने लंबे समय तक आतंक की भयावहता का सामना किया। इससे पहले कि दुनिया इसे गंभीरता से लेती। दशकों से विभिन्न रूपों में आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन हमने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम तब तक आराम से नहीं बैठेंगे, जब तक कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ न दिया जाए।

गौरतलब है कि दिल्ली में आज से दो दिवसीय नो मनी फॉर टेरर मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आगाज हुआ है। इसमें 78 देशों और संगठनों के प्रतिनिधि आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। ये इस तरह का तीसरा वैश्विक सम्मेलन है, जिसकी भारत मेजबानी कर रहा है।