सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों से हटाए जाएं आवारा कुत्ते, नसबंदी के बाद शेल्टर होम में रखें

कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन आदेशों का कड़ाई से पालन करवाएं और तीन हफ्ते के भीतर स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 जनवरी को होगी।

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  • Updated On - November 7, 2025 / 01:00 PM IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश अब पूरे देश में लागू होगा। अदालत ने निर्देश दिया कि सभी स्कूल, कॉलेज और अस्पताल परिसरों से आवारा कुत्तों को हटाया जाए और उनकी नसबंदी के बाद उन्हें शेल्टर होम में रखा जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पकड़े गए कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था।

यह मामला जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच के समक्ष सुना गया। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन आदेशों का कड़ाई से पालन करवाएं और तीन हफ्ते के भीतर स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 जनवरी को होगी।

तीन महीने पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी सभी जिम्मेदार एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी थी कि यदि कोई इस कार्रवाई में बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश दो हफ्ते में ऐसे सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेजों और अस्पतालों की पहचान करें, जहां आवारा जानवर घूमते हैं। इन परिसरों में उनकी एंट्री रोकने के लिए बाड़ लगाई जाए और नियमित जांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।

यह मामला तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें दिल्ली और एनसीआर में बच्चों पर आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज़ के बढ़ते मामलों की जानकारी दी गई थी। इसके बाद कोर्ट ने इस मुद्दे का दायरा बढ़ाकर संपूर्ण देश तक कर दिया।