शपथ लेते ही मां के छुए पैर: बेहद सहज और संवेदनशील हैं नए CJI बी.आर. गवई

शपथग्रहण से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कमल ताई गवई ने अपने बेटे को "साफ दिल वाला" और "न्याय के लिए न झुकने वाला" बताया।

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  • Publish Date - May 14, 2025 / 11:58 AM IST

नई दिल्ली: भारत के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (Ramkrishna Gavai) ने जैसे ही राष्ट्रपति भवन में अपने पद की शपथ ली, वैसे ही उन्होंने मंच से उतरकर अपनी मां कमल ताई गवई के पैर छुए। यह दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था। पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी और हर आंख में गर्व और सम्मान का भाव दिखाई दिया।

कमल ताई गवई पहली पंक्ति में सफेद साड़ी पहने बैठी थीं। उनके चेहरे पर एक माँ का गर्व साफ झलक रहा था—जिसका बेटा देश का मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहा था। जब बेटा उनके चरणों में झुका, तो उन्होंने बेटे के सिर पर आशीर्वाद भरा हाथ रखा और फिर तुरंत हाथ जोड़ लिए—मुख्य न्यायाधीश के पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए। इस पल ने सभी का दिल छू लिया।

शपथग्रहण से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कमल ताई गवई ने अपने बेटे को “साफ दिल वाला” और “न्याय के लिए न झुकने वाला” बताया। उन्होंने कहा, “जो उसके दिल में होता है, वही करता है। न्याय के रास्ते पर उसे कोई नहीं झुका सकता।” उन्होंने बताया कि उनके बेटे का स्वभाव हमेशा से ही बेहद सहज और जमीन से जुड़ा रहा है।

कमल ताई बताती हैं कि जस्टिस गवई को अगर कोई पहली बार घर में देखे, तो अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता कि वह देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर है। “अगर वो घर पर अकेला हो और कोई मेहमान आ जाए, तो खुद पानी लाकर देता है। उसे कभी शर्म नहीं होती। वह हमेशा कहता है, जब कुर्सी पर होता हूं, तब जज हूं… नहीं तो आम आदमी,” उन्होंने बताया।

सेवा की भावना, उन्होंने अपने पिता से सीखी है। मुंबई में सामाजिक कार्यों के दौरान जमीन पर चादर बिछाकर सोना, जरूरतमंदों की मदद करना, ये सब उनकी परवरिश का हिस्सा रहा है। कमल ताई को पूरा भरोसा है कि उनका बेटा देश को निष्पक्ष न्याय देगा और न्यायपालिका की गरिमा को और ऊंचा उठाएगा।