लखनऊ, 27 जून (आईएएनएस)। बकरीद (Bakrid) त्योहार से पहले यहां बकरा मंडी में अरबी भाषा में ‘अल्लाह’ जैसे निशान वाले दो बकरे 51 लाख रुपये में बेचे गए हैं।
जबकि 18 महीने के बारबरी बकरे का नाम ‘सलमान’ है और उसका बजन 65 किलोग्राम है। जबकि दूसरे राजस्थानी बकरे का नाम ‘गनी’ है, इनके दोनों के जन्म से ही गर्दन पर अल्लाह का निशान है। दोनों बकरे 45 वर्षीय स्थानीय किसान मुश्ताक अहमद के हैं और इस साल बिकने वाले सबसे महंगे हैं।
अहमद ने कहा कि अरबी में सलमान का मतलब विनम्र और वफादार होता है, जबकि गनी का मतलब अमीर और उदार होता है। मैंने बकरों के लिए गोल्डन बॉर्डर से सजी हरी ड्रेस तैयार करवाई है।
जबकि मैंने लगभग एक साल पहले राजस्थान से गनी को खरीदा था, तब मेरे घर में सलमान का जन्म हुआ था। इन पर पवित्र चिन्ह मौजूद होने के कारण ये महंगे हैं। मैंने उनके विशेष आहार पर भी बहुत पैसा खर्च किया है।
बकरा मंडी में बिक्री के लिए बारबरी, तोतापरी, पंजाबी बीटल, कोटा और विदेशी नस्ल अफ्रीकी बोअर और सानेन (स्विट्जरलैंड) जैसी विभिन्न किस्मों के लगभग एक लाख बकरे हैं। अधिकांश मालिकों ने अपने जानवरों को पठान, हीरा, राजकुमार और टाइगर जैसे दिलचस्प नाम दिए हैं और कीमत लगभग 10,000 रुपये से शुरू होती है।
डुम्बास (तुर्की मूल की मोटी पूंछ वाली भेड़) और भैंसें भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। करीब 10 साल से मंडी का प्रबंधन संभाल रहे अबरार खान के मुताबिक इस बार बाजार आशाजनक लग रहा है। अबरार ने कहा कि इस साल, हम पिछले तीन वर्षों की तुलना में बेहतर बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं, जब महामारी ने उत्सवों को प्रभावित किया था। सिर्फ विदेशी ही नहीं बल्कि भारी वजन वाले बारबरी बकरों की भी भारी मांग है।