जीएसटी बकाया का 400 करोड़ रुपए के नोटिस के बाद ज़ोमैटो का स्टॉक लुढ़का

जोमैटो (Zomato) ने कहा कि वो कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि डिलीवरी चार्जेज डिलीवरी पार्टनर्स की ओर से कंपनी द्वारा एकत्र किया जाता है।

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  • Publish Date - December 28, 2023 / 11:59 AM IST

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। जोमैटो (Zomato) को “डिलीवरी चार्जेज” के रूप में जुटाए गए पैसे पर जीएसटी अधिकारियों से 400 करोड़ रुपए का कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद गुरुवार सुबह ज़ोमैटो के शेयर में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गई।

जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पिछले महीने ज़ोमैटो और उसके प्रतिद्वंद्वी स्विगी को एक डिमांड नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें क्रमशः 400 करोड़ रुपए और 350 करोड़ रुपए से अधिक का पेंडिंग बकाया भुगतान करने के लिए कहा गया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जोमैटो को कारण बताओ नोटिस 29 अक्टूबर, 2019 से 31 मार्च, 2022 के बीच की अवधि के लिए है।

जोमैटो ने कहा कि वो कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है क्योंकि डिलीवरी चार्जेज डिलीवरी पार्टनर्स की ओर से कंपनी द्वारा एकत्र किया जाता है।

एक नियामक फाइलिंग में, ज़ोमैटो ने कहा कि नियमों और शर्तों के मद्देनजर, “डिलीवरी पार्टनर्स ने कस्टमर्स को डिलीवरी सेवाएं प्रदान की हैं, न कि कंपनी को”।

ज़ोमैटो ने कहा, “कंपनी कारण बताओ नोटिस (एससीएन) का उचित जवाब दाखिल करेगी।”

कंपनी ने कहा, “अभी तक किसी भी प्रकार का कोई आदेश पारित नहीं किया गया है और जैसा कि ऊपर बताया गया है, कंपनी का मानना है कि उसका केस मजबूत है।”

पिछले महीने जोमैटो और स्विगी को डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी नोटिस मिला था।

ज़ोमैटो और स्विगी के अनुसार, ‘डिलीवरी चार्ज’ कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं।

स्विगी ने हाल ही में खाने के ऑर्डर के लिए शुल्क 2 रुपए से बढ़ाकर 3 रुपएकर दिया था।

ज़ोमैटो ने पहले ही अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क शुरुआती 2 रुपए से बढ़ाकर 3 रुपए प्रति ऑर्डर कर दिया था।