राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाली के लिए दोषसिद्धि पर रोक जरूरी : कानूनी विशेषज्ञ
By : hashtagu, Last Updated : April 3, 2023 | 8:47 pm
सत्र अदालत मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ राहुल की अपील पर 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ सत्र अदालत में अपील दायर करने के लिए सूरत पहुंचे, जिसमें उन्हें आपराधिक मानहानि का दोषी पाया गया था। यह आरोप अप्रैल 2019 में कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान की गई एक टिप्पणी से उपजा था।
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि यदि सत्र अदालत मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाती है तो यह उनकी लोकसभा सदस्यता बहाली का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सजा पर रोक जरूरी है।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर सोमवार को अदालत ने रोक नहीं लगाई है, हालांकि, दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया गया है और इस मामले की सुनवाई 20 अक्टूबर को होनी है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सजा पर रोक लगा दी जाती है, तो लोकसभा सचिवालय उनकी सदस्यता बहाल कर सकता है।
राहुल ने 2019 में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि ‘सभी चोरों के उपनाम में मोदी है’, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना ललित मोदी और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों से की। 23 मार्च को सूरत की एक निचली अदालत ने उन्हें भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर एक मामले में पूरे मोदी समुदाय को बदनाम करने का दोषी पाया। राहुल को बाद में एक नियम के तहत लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया, जो दोषी सांसदों को लोकसभा की सदस्यता रखने से रोकता है।
राहुल गांधी को उनके अपराध के लिए अधिकतम 2 साल की जेल की सजा दी गई थी, लेकिन आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के लिए सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था। यदि दोषसिद्धि को पलटा नहीं जाता है, तो वह अगले आठ वर्षो के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे।