देहरादून/रुद्रप्रयाग (आईएएनएस)। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत (Congress leader Harak Singh Rawat) की पत्नी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा (Lakshmi Rana) ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। वहीं कुछ दिन पहले हरक सिंह रावत के साथ ही ईडी की रडार पर आईं लक्ष्मी राणा से भी पूछताछ की गई थी।
ईडी पाखरो टाइगर सफारी घोटाले के मामले में उनके आवास पर छापेमारी कर चुकी है। उनके लॉकर से ईडी को 48 लाख रुपये की ज्वेलरी और संपत्ति के दस्तावेज मिले थे, जिसे लेकर उनसे पूछताछ के लिए बुलाया गया है। लक्ष्मी राणा ने इस्तीफे की वजह पार्टी द्वारा बुरे समय में उनका साथ न देने की बात कही है।
उन्होंने लिखा है, “हाल ही में मेरे घर और प्रतिष्ठान पर राजनीतिक द्वेष के चलते ईडी की छापेमारी की कार्रवाई हुई। हालांकि मैं जानती हूं कि ये कानूनी प्रक्रिया है, किंतु पार्टी की तरफ से मेरे खिलाफ इस राजनीतिक द्वेष के बारे में न कोई प्रतिक्रिया आई और न ही किसी ने इस दुख की घड़ी में मुझे ढाढ़स बंधाया।”
लक्ष्मी राणा 1997 से 2001 तक जखोली की ब्लाॅक प्रमुख रहीं। साल 2002 से 2007 तक वह दर्जाधारी रहीं। 2014 से 2019 तक रुद्रप्रयाग की जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। लक्ष्मी राणा ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ा। मौजूदा वक्त में वह कांग्रेस की महामंत्री के पद पर भी थीं।
लक्ष्मी राणा से पहले शुक्रवार को मनीष खंडूरी ने भी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और शनिवार को उन्होंने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। लोकसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक इस्तीफों से कांग्रेस पार्टी में खलबली मच गई है।