पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar elections ) के पहले चरण के मतदान से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को समस्तीपुर और गोपालगंज की वर्चुअल रैलियों में विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महागठबंधन को “महाठगबंधन” बताते हुए कहा कि एनडीए “पांडवों की तरह एकजुट” है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने बीते 20 सालों में अभूतपूर्व विकास किया है।
अमित शाह ने कहा कि बिहार की जनता जानती है कि विपक्ष सिर्फ झगड़े और भ्रम की राजनीति करता है, जबकि एनडीए ने राज्य में सुशासन और विकास की नई दिशा दी है।
वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बेगूसराय के बछवारा में आयोजित जनसभा में एनडीए के चुनावी घोषणापत्र को “फर्जी वादों का पुलिंदा” बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अब तक वादे पूरे नहीं हुए, तो 1.5 करोड़ नौकरियों का दावा कैसे पूरा होगा? प्रियंका ने कहा कि “बीजेपी नेता अतीत और भविष्य की बातें करते हैं, लेकिन बिहार की जनता की मौजूदा तकलीफों पर चुप रहते हैं।” उन्होंने दावा किया कि INDIA गठबंधन की जीत तय है और जनता इस बार झूठे वादों में नहीं फंसेगी।
तेजस्वी यादव ने सिवान और अपने निर्वाचन क्षेत्र राघोपुर में जनसभाओं को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो 20 महीने के भीतर हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
तेजस्वी ने कहा, “बिहार में रोजगार, शिक्षा और सुरक्षा तीनों की हालत खराब है। जनता बदलाव चाहती है और इस बार परिवर्तन तय है।”
बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा। चुनावी मैदान में एक ओर एनडीए “जंगलराज की वापसी” का डर दिखा रहा है, वहीं दूसरी ओर INDIA गठबंधन रोजगार, महिला सशक्तिकरण और औद्योगिक विकास के वादे के साथ चुनाव में उतरा है।
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत बिहार की ऐतिहासिक धरती को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा, “यही वह भूमि है जहां से गांधीजी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी। यह पवित्र भूमि आज भी संघर्ष की गवाही देती है, लेकिन विकास की राह में पिछड़ गई है।” उन्होंने कहा कि संविधान ने लोगों को “स्वतंत्रता, अधिकार और सबसे बड़ा अधिकार—मतदान का अधिकार” दिया है, और अब वक्त है कि जनता इसका सही इस्तेमाल करे।