नई दिल्ली, 1 मई | हिमाचल प्रदेश में बागियों (rebels) की वजह से सत्ता गंवा चुकी भाजपा (BJP) कर्नाटक में भी बड़े पैमाने पर बगावत का सामना कर रही है। राज्य में भाजपा (BJP) आलाकमान की प्रतिष्ठा इसलिए भी दांव पर लगी है क्योंकि पार्टी ने इस बार नई और युवा भाजपा (BJP) के नाम पर बड़े पैमाने पर नए लोगों को मौका दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं हाल ही में कर्नाटक भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आने वाले 25 वर्षों में कर्नाटक की विकास यात्रा को नेतृत्व देने के लिए भाजपा एक युवा टीम का निर्माण कर रही है। पार्टी गुजरात और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों के बाद इसी तरह का नया प्रयोग राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी करना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी कर्नाटक को इस वर्ष के अंत तक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधान सभा चुनाव के समय की संभावित बगावत को रोकने के लिए उदाहरण के तौर पर पेश करना चाहती है।
पार्टी यह साबित करना चाहता है कि टिकट कटने की वजह से बगावत कर दूसरी पार्टी से लड़े तो आप कितने भी बड़े नेता हो आपका राजनीतिक करियर खत्म हो सकता है। इसलिए भाजपा ने कर्नाटक में बगावत कर कांग्रेस या जेडीएस या निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नेताओं को हराने की विशेष योजना तैयार की है।
गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार बागियों के इलाकों में जाकर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार, रोड शो या प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं बेलगावी जिले में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी रैली कर चुके हैं। आने वाले दिनों में भी प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, नड्डा और योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के कई स्टार प्रचारक बागियों के इलाके में भाजपा के लिए वोट मांगते नजर आएंगे।
पार्टी ने अपने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी समेत कुछ अन्य बड़े नेताओं को बागियों को हराने का काम सौंपा है और शाह लगातार इन बड़े नेताओं के संपर्क में भी हैं।
भाजपा के बड़े लिंगायत नेता माने जाने वाले पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार इस बार कांग्रेस के टिकट पर हुबली धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भाजपा से बगावत करके बेलागवी की अथनी सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वीरभद्रप्पा हलहरवी, अरुण कुमार पुथिला, मदल मल्लिकार्जुन और विश्वनाथ पाटिल समेत एक दर्जन से ज्यादा बागी कांग्रेस या जेडीएस के टिकट पर या निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। जिनमें से 10 के लगभग बागी भाजपा उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं, इसलिए पार्टी उन्हें हराने के लिए विशेष योजना पर काम कर रही है।
भाजपा ने लगातार छह बार चुनाव जीतने वाले अपने बागी पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को हराने की जिम्मेदारी बीएस येदियुरप्पा को दी है जो लगातार लिंगायतों के साथ मीटिंग कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि शेट्टार ने पार्टी को धोखा दिया है जबकि पार्टी ने उन्हें विधायक, मंत्री, विधानसभा स्पीकर, विपक्ष का नेता और मुख्यमंत्री तक बनाया था। अमित शाह स्वयं हुबली जाकर जगदीश शेट्टार के इस बार चुनाव हारने की भी भविष्यवाणी कर चुके हैं।
विधान सभा सीटों के लिहाज से देखा जाए तो प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा इलाका बेलगावी है, जहां से 18 विधायक चुन कर आते हैं। भाजपा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और इस इलाके में अच्छा खासा जनाधार रखने वाले लक्ष्मण सावदी भाजपा से बगावत करके बेलागवी की अथनी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
यह इलाका राज्य में सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए पार्टी लक्ष्मण सावदी को उनकी ही विधान सभा में घेरकर और हरा कर राजनीतिक माइलेज के साथ ही उदाहरण भी स्थापित करने का प्रयास कर रही है।(आईएएनएस)
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