भाजपा आज द्रोणाचार्य की तरह युवाओं का अंगूठा काट रही है : राहुल गांधी

लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपनी राय रखी। राहुल गांधी ने संविधान के निर्माण में

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  • Updated On - December 14, 2024 / 03:32 PM IST

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। लोकसभा में शनिवार को संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi during discussion on the Constitution)ने अपनी राय रखी। राहुल गांधी ने संविधान के निर्माण में महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, पंडित नेहरू जैसे नेताओं के योगदान (Contribution of leaders like Mahatma Gandhi, Dr. Bhimrao Ambedkar, Pandit Nehru in the making of the Constitution.)की बात की। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान में दिखने वाले ये विचार कहीं न कहीं भारतीय संस्कृति और प्राचीन विरासत से प्रेरित हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमारा संविधान बिना हमारी प्राचीन विरासत के नहीं बन सकता था। यह विचार भगवान शिव, गुरु नानक, भगवान बासवन्ना और कबीर जैसे महान संतों से आए हैं।

राहुल गांधी ने सावरकर की आलोचना करते हुए कहा कि सावरकर ने अपने लेखों में यह स्पष्ट रूप से लिखा था कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। लड़ाई मनुस्मृति और संविधान के बीच की है। राहुल गांधी ने यह सवाल उठाया कि अब सवाल यह है कि हम सावरकर की बात को मानते हैं या फिर संविधान को। जब आप संविधान की तारीफ करते हैं, तो आप सावरकर के विचारों का विरोध करते हैं। आरएसएस ने मनुस्मृति को संविधान से बेहतर बताया था और सावरकर ने भी मनुस्मृति को संविधान से ऊपर बताया था।

नेता प्रतिपक्ष ने यह तर्क भी दिया कि जिन लोगों की आप पूजा करते हैं, उन्होंने ही कहा था कि संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा कि संविधान में हमें बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्श स्पष्ट रूप से दिखते हैं। इसके बाद उन्होंने हिंदुस्तान के पुराने वक्त और समाज व्यवस्था की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि जैसे पहले हिंदुस्तान को चलाने का तरीका था, वैसे ही आज भी कुछ लोग उसी तरह से देश को चलाना चाहते हैं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि जब मैं जब छोटा था तब दिल्ली में एम्स के पास ही जंगल था। वैसे ही जंगल में हजारों साल पहले एक बच्चा सुबह उठकर तपस्या करता था। हर रोज सुबह वो धनुष उठाकर तीर कमान चलाता था और घंटे उसने तपस्या की और वर्षों तक तपस्या की। उसका नाम एकलव्य था। जब वह द्रोणाचार्य के पास पहुंचा तो गुरु द्रोणाचार्य ने उसे सिखाने से मना कर दिया कि आप स्वर्ण जाति से नहीं है तो मैं आपको नहीं सिखा सकता। राहुल गांधी ने कहा कि जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा, वैसे ही आज भाजपा हिंदुस्तान के युवाओं का अंगूठा काट रही है।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के कारोबारियों का अंगूठा काटा जा रहा है और भाजपा देश के हुनर और ताकत को छीनना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को लगातार नुकसान हो रहा है और उनकी जगह पर उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान जब एमएसपी की मांग करते हैं, तो उन पर लाठी चलाने और आंसू गैस छोड़ने का काम किया जाता है।

राहुल गांधी ने युवा पीढ़ी को लेकर कहा कि युवाओं की मेहनत और संघर्ष को दरकिनार करते हुए पेपर लीक, लेटरल एंट्री और अग्निवीर जैसी योजनाओं के जरिए उनके हक को छीना जा रहा है। युवाओं की मेहनत को खत्म करने के लिए पेपर लीक जैसी घटनाएं हो रही हैं और अग्निवीर योजना लाकर उनके हक पर कुठाराघात किया जा रहा है। संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि किसी वर्ग या समूह का एकाधिकार होना चाहिए, न ही इसमें यह कहा गया है कि देश के युवाओं का अंगूठा काटना चाहिए।

उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे संविधान के विपरीत जाकर देश के युवाओं और किसानों का शोषण कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा के लोग 24 घंटे संविधान पर आक्रमण करते हैं। संभल हिंसा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां निर्दोष लोग मारे गए, गोली मारकर हत्या कर दी, एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाते हैं। दलित परिवार को बंद करके घर में रखना है। हाथरस में चार साल पहले हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बीते दिनों मैं हाथरस गया था, जहां पीड़ित परिवार घर में कैद है, उन्हें आज भी धमकियां मिलती है, लेकिन दुष्कर्म करने वाले आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।

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