सीएम योगी ने विधानसभा में महाभारत के जरिए उठाई अयोध्या, मथुरा, काशी की बात

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में विपक्ष

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  • Updated On - February 7, 2024 / 10:31 PM IST

लखनऊ, 7 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विधानसभा में विपक्ष (Opposition in the assembly) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पांडवों ने कौरवों से सिर्फ पांच गांवों की मांग की थी पर वो नहीं दिया गया। देश समाज तो सिर्फ तीन स्थानों (अयोध्या, मथुरा और काशी) की मांग कर रहा था, उसके लिए उसे गिड़गिड़ाना पड़ा।

मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय क्षण बताया तो राम मंदिर के विरोध के लिए विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर जमकर प्रहार किया।

उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया के लिए अद्भुत क्षण था। भारत के गौरव की प्राण प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ। प्रसन्नता है कि हमने वचन निभाया और मंदिर वहीं बनाया। जो कहा सो किया, जो संकल्प लिया उसकी सिद्धि भी हुई। सीएम योगी ने अयोध्या के साथ-साथ काशी और मथुरा विवाद को लेकर भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, उसी तरह यहां सिर्फ तीन स्थलों की बात की गई थी। तीनों ईश्वर के अवतरण की धरती हैं। लेकिन, एक जिद थी और उसमें राजनीतिक तड़के और वोट बैंक की प्रवृत्ति ने विवाद खड़ा कर दिया।

सीएम योगी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि तब भी दुर्योधन ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर जगह नहीं दूंगा तो महाभारत युद्ध तो होना ही होना था। यहां भी वोट बैंक के लिए हमारी संस्कृति और आस्था को रौंदने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया, जिसे अब देश स्वीकार नहीं करेगा।

योगी ने अयोध्या और महाभारत के बीच समानता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने अयोध्या नगरी को प्रतिबंधों और कर्फ्यू के दायरे में रखा। अयोध्या सुनियोजित तिरस्कार भी झेलती रही। लोकआस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी देखने को नहीं मिला। अयोध्या के साथ अन्याय हुआ। 5000 साल पुरानी बात को याद करें तो कृष्ण ने केवल पांच ग्राम मांगे थे। उन्होंने कहा था कि दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।

दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को बंधक बनाने की कोशिश, उलटे हरि को बांधने चला, जो था असाध्य उसे साधने चला… यही तो हुआ था अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ। ये तीनों विशिष्ट स्थल हैं। पहली बार देखने को मिला कि लोक आस्था के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ा। अब जब लोगों ने अयोध्या का उत्सव देखा तो नंदी बाबा ने कहा कि हम क्यों इंतजार करें। उन्होंने रात्रि में बैरिकेड तुड़वा डाले। हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं। विदेशी आक्रांताओं ने केवल धन दौलत ही नहीं लूटा, इस देश की आस्था को रौंदने का काम किया। आजादी के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें केवल वोट बैंक के लिए महिमामंडित करने का कुत्सित प्रयास किया। अब ये देश इसे स्वीकार नहीं करेगा।

सीएम योगी ने कहा कि यूपी ने 22 जनवरी 2024 की घटना को देखा है। पूरा देश अभिभूत था। पूरी दुनिया में हर वह व्यक्ति जो सत्य और न्याय का पक्षधर है, वह गौरवांवित था। हर सनातनी की आंख में आंसू थे। वह अपनी कई पीढ़ियों को कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा था। सौभाग्य है कि वहां प्रत्यक्ष रूप से मौजूद था, वहां अद्भुत और ऊर्जा से भरा हुआ वातावरण था। हर सदस्य के चेहरे पर संतोष था कि अयोध्या में जो हुआ है, वो अच्छा हुआ है।

सीएम योगी ने पूर्व की सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये काम पहले ही हो जाना चाहिए था। हम मानते हैं कि मंदिर का विवाद न्यायालय में था, लेकिन वहां की सड़कों को चौड़ा किया जा सकता था। घाटों का पुनरुद्धार हो सकता था। बिजली की व्यवस्था, स्वच्छता और स्वास्थ्य की व्यवस्था की जा सकती थी। एयरपोर्ट का कार्य किया जा सकता था। विकास के इन कार्यों को किस मंशा के साथ रोका गया था। काशी, मथुरा का विकास अवरुद्ध करने के पीछे कौन सी मंशा थी। विवाद एक स्थल विशेष का था, मगर वहां के लोगों को, वहां आने वालों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों किया गया। ये मुद्दा नीयत का है।

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