कांग्रेस ने पायलट के अनशन को ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ कहा, पर उन्हें ‘निर्विवाद संपत्ति’ बताया

सचिन पायलट (Sachin Pilot) के अनशन से कुछ घंटे पहले कांग्रेस के राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को उनके आंदोलन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया।

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  • Publish Date - April 11, 2023 / 08:05 AM IST

नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)| पिछली सरकार के भ्रष्टाचार पर अपनी पार्टी की राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ राजस्थान के नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के अनशन से कुछ घंटे पहले कांग्रेस के राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोमवार को उनके आंदोलन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया। उन्होंने एक बयान में कहा, सचिन पायलट का  (मंगलवार) दिन भर का उपवास पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर उनकी अपनी सरकार के साथ कोई समस्या है, तो मीडिया और जनता के बजाय पार्टी मंचों पर चर्चा की जा सकती है।

रंधावा ने कहा, मैं पिछले 5 महीनों से एआईसीसी का प्रभारी हूं और पायलट ने कभी भी मेरे साथ इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की। मैं उनके संपर्क में हूं और मैं अभी भी शांत बातचीत की अपील करता हूं, क्योंकि वह कांग्रेस के लिए एक निर्विवाद संपत्ति हैं।

कांग्रेस रविवार को पार्टी के दिग्गज नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में आ गई, जब उनके पूर्व डिप्टी पायलट ने दावा किया कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ किसी भी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की और विरोध स्वरूप 11 अप्रैल को दिवसीय उपवास की घोषणा कर दी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत के साथ राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू की हैं और कई नई पहल की हैं, जिसने लोगों को गहराई से प्रभावित किया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा राज्य में पार्टी संगठन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से संभव हुई एक उत्कृष्ट सफलता है।

इससे पहले गहलोत पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा, वसुंधरा सरकार में भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमने विपक्ष में रहते हुए वादा किया था कि जांच कराई जाएगी। चूंकि चुनाव में 6-7 महीने बाकी हैं, सवाल अगर गहलोत और राजे के बीच कोई गठबंधन था तो उठाया जा सकता था। यह साबित करने के लिए जल्द ही कार्रवाई करनी होगी कि ऐसा नहीं है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी यह महसूस करना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।